असल में राज्य में चुनाव 2021 में होने हैं और ममता बनर्जी इसके लिए अभी से तैयारी में जुट गयी है। हालांकि भाजपा इस प्रयोग को पूरे देश में लागू कर चुकी है और उसे इसमें सफलता भी मिली है। राज्य में लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को महज 22 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा को 18 सीटें मिली हैं। लेकिन ममता के लिए परेशानी इस बात को लेकर है कि भाजपा और टीएमसी के बीच में मतों का अंतर महज 4 फीसदी है।
लोकसभा में पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी से करारी शिकस्त खा चुकी तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब राज्य में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए भाजपा का ही फार्मूला लागू करेंगी। ममता बनर्जी अब राज्य में जनता से ऑनलाइन जुड़ेंगी। इसके जरिए पार्टी बूथ लेवल पर पार्टी को मजबूत करेगी। पार्टी के लिए हाईटेक प्रचार करने की रणनीति जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर तैयार कर रहे हैं।
फिलहाल पार्टी इसे राज्य के 1000 स्थानों पर शुरू करेगी और ये अभियान 100 दिनों तक चलेगा और इसकी सफलता के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा। असल में राज्य में चुनाव 2021 में होने हैं और ममता बनर्जी इसके लिए अभी से तैयारी में जुट गयी है।
हालांकि भाजपा इस प्रयोग को पूरे देश में लागू कर चुकी है और उसे इसमें सफलता भी मिली है। इसी ऑनलाइन और मिस्ड कॉल के जरिए भाजपा आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। लिहाजा अब ममता बनर्जी भी राज्य में खोए हुए जनाधार को पाने के लिए आधुनिक तकनीक का सराहा लेगी। फिलहाल इसके लिए पार्टी ने रणनीति तैयार की है और इसके लिए स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं के समूह तैयार किए जा रहे हैं।
पार्टी ने इस अभियान का नाम 'दीदी के बोलो' दिया है। पार्टी की रणनीति के तहत इस अभियान में आम जनता की समस्याओं को सुना जाएगा और इसके लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। इन समस्याओं को टीम मुख्यकमंत्री के सामने रखेगी और सीएम सोशल मीडिया के माध्यिम से इन शिकायतों का निस्तारण करेगी।
माना ये जा रहा है कि इस अभियान को भाजपा और जदयू के लिए चुनावी रणनीति बना चुके राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तैयार किया है। जिसके लिए उनकी एक विशेष आईटी टीम ऑनलाइन प्ले टफॉर्म पर काम कर रही है। प्रशांत किशोर की रणनीति के तहत ही टीएमसी 9 अगस्त भाजपा के खिलाफ 'भारत छोड़ो अभियान' की शुरुआत करेगी।
गौरतलब है कि राज्य में लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को महज 22 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा को 18 सीटें मिली हैं। लेकिन ममता के लिए परेशानी इस बात को लेकर है कि भाजपा और टीएमसी के बीच में मतों का प्रतिशत महज 4 फीसदी ही कम है।
जबकि 2014 के लोकसबा चुनाव में पार्टी ने राज्य में 34 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में लोकसभा की 42 सीटें हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने राज्यर की 42 में से 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
Last Updated Jul 29, 2019, 9:22 PM IST