चुनाव आयोग ने दो दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के करीबी अफसरों के तबादले कर दिए थे। आयोग ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए थे कि वह इन अफसरों को चुनाव की ड्यूटी से अलग रखे। लिहाजा अब ममता अपना दर्द आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव के जरिए केन्द्र सरकार पर निकाल रही हैं। आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को उनके पद से हटा दिया है। क्योंकि उनके खिलाफ सत्ता पक्ष के लिए कार्य करने का आरोप लगा था।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के बहाने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। असल में के चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को हटा दिया है। जबकि दो दिन पहले ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के खास माने जाने वाले आईपीएस अफसरों को हटा दिया था। यही चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को सख्त आदेश दिए थे कि इन अफसरों को चुनावों से दूर रखा जाए।

क्योंकि ये चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं अब ममता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। ममता ने कहा कि आखिर पीएम अपने कैबिनेट सचिव या केन्द्रीय गृह सचिव को क्यों नहीं हटा रहे हैं। ममता बनर्जी का गुस्सा आसानी से समझा जा सकता है। क्योंकि उनका भतीजा अभिषेक बनर्जी भी लोकसभा चुनाव लड़े रहे हैं और उनके जिले के एसपी को हटाया गया है, जो अभिषेक बनर्जी के करीबी अफसर माने जाते रहे हैं। ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में कहा कि आखिर आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को क्यों हटाया गया।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल चंद्र पुनेठा को उनके पद से हटाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी एलवी सुब्रमण्यम को उनकी जगह नियुक्त कर दिया था। जबकि कोलकाता और बिधाननगर के पुलिस आयुक्त को भी हटाया गया है। हालांकि चुनाव आयोग ने ममता के आरोपों का दरकिनार कर कहा कि ये सब आयोग के आदेश पर हुआ है।

आयोग ने कहा कि तबादले का उसका फैसला अपने शीर्ष अधिकारियों में से एक के अलावा विशेष पुलिस पर्यवेक्षक की प्रतिक्रियाओं पर आधारित था। आयोग ने बनर्जी से यह भी कहा कि चुनाव कानून के अनुसार आदर्श आचार संहिता के दौरान उसे अधिकारियों को स्थानांतरित करने और नियुक्त करने का अधिकार है।