कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हिंदू विरोधी हैं और राज्य में अभी तक जो भी बड़े फैसले किए हैं वह हिंदूओं को प्रताड़ित करने के लिए किए हैं। वहीं राज्य में टीएमसी सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रमों में बदलाव कर हिंदूओं को अपमानित किया है। यही नहीं राम मंदिर का भूमि पूजन के दिन ममता सरकार ने राज्य में लॉकडाउन लगा दिया और  वहीं राज्य सरकार राज्य में रह रहे करोड़ों हिंदओं की भावनाओं को कुचलने का काम कर रही है जबकि राज्य सरकार ने मुस्लिमों को खुश करने के लिए 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया गया था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के खिलाफ कई सबूत दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में ममता सरकार हिंदूओं का शोषण कर रही है।

नड्डा ने कहा कि राज्य में 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं और राज्य की जनता को केन्द्र सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने राज्य की सीएम ममता बनर्जी को हिंदू विरोधी मानसिकता वाला बताया और कहा कि वह तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। नड्डा ने कहा कि जब देश में राममंदिर का शिलान्यास हो रहा था तब ममता सरकार ने राज्य में लॉकडाउन को लागू कर दिया और हिंदूओं को मंदिरों में पूजा नहीं करने दी। जबकि बकरीद पर राज्य सरकार ने लॉकडाउन को खत्म कर दिया। इससे राज्य  में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है। नड्डा ने राज्य के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को वर्चुअल मीटिंग के जरिए संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा के 100 कार्यकर्ताओं का तर्पण मैंने बंगाल में जाकर किया और हम लोग अपने कार्यकर्ताओं का बलिदान बेकार नहीं जाने देंगे और बंगाल चुनाव में चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में ममता सरकार उन योजनाओं के बीच बैरियर बन गई हैं जिससे राज्य की जनता को फायदा होता।  राज्य में आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया गया है। जबकि इस योजना के तहत गरीबों के लिए 5 लाख के मेडिकल कवर मिलता है। राज्य  की ममता सरकार राज्य की  4.57 करोड़ आबादी को इस योजना का फायदा नहीं लेने देना चाहती है। राज्य सरकार ने 31 जुलाई को बकरीद के दिन लॉकडाउन हटा दिया था। जबकि इससे पहले हिंदू त्योहारों में लॉकडाउन को लागू किया था।