कोलकाता। पश्चिम बंगाली की मुख्य मंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने स्थानीय निकाय चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। नगर पालिका और नगर निगम के चुनावों को राज्य के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। लिहाजा ममता सरकार ने राज्य में फ्री बिजली का ऐलान किया है। इसके मुताबिक 3 महीने में 75 यूनिट खपत करने वालों को बिजली का बिल नहीं देना होगा।

दिल्ली सरकार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। अपने फैसले में ममता सरकार ने कहा है कि तीन महीने में 75 यूनिट बिजली की खपत करने वालों से बिल नहीं लिया जाएगा। माना जा रहा है कि ये ममता सरकार का बड़ा कदम है। क्योंकि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इस फैसले के तहत राज्य में अपनी स्थिति मजबूत की थी।

लिहाजा ममता भी इसी फैसले को राज्य में लागू कर रही है। इस फैसले को लागू करने के पीछे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भूमिका बताई जा रही है। जो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के चुनावी रणनीतिकार होने के साथ ही पश्चिम बंगाल में टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार लोगों को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है। मौजूदा विधानसभा चुनाव में फ्री बिजली को लेकर खूब चर्चा हुई और जनता ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को जमकर सराहा।

हालांकि ममता बनर्जी सरकार से पहले झारखंड सरकार भी दिल्ली की तरह ये फैसला राज्य में लागू कर सकी है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने भी राज्य में फ्री बिजली देने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऊर्जा विभाग 100 यूनिट फ्री बिजली का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। यह झारखंड मुक्ति मोर्चा की घोषणा में शामिल है। कहा जा रहा है कि ममता सरकार का ये दांव राज्य में उसकी स्थिति को और ज्यादा मजबूत कर सकता है।

हालांकि अप्रैल तक राज्य में नगर पालिका और नगर निगम के चुनाव होने हैं और ये फैसला राज्य में टीएमसी को अन्य दलों की तुलना में बढ़त दे सकता है। हालांकि इससे पहले ममता सरकार ने राज्य में कई योजनाओं को लागू किया है। जिसके जरिए टीएमसी सरकार नगर निकाय के चुनाव में उतरने जा रही है।