राज्य सरकार के आदेश पर मालदा जिले के शीर्ष विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम की गैर-जमानती धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किए गए हैं।
कोलकाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े कई संगठनों द्वारा पश्चिम बंगाल में गरीब और आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के लिए चलाए जा रहे सामूहिक विवाह कार्यक्रमों पर राज्य की टीएमसी सरकार की ढेड़ी नजर है। राज्य की ममता सरकार का आरोप है कि विहिप और अन्य संगठन अनुसूचित जाति के लोगों के धर्मांतरण में लिप्त हैं। लिहाजा इन कार्यक्रमों के आयोजकों पर राज्य सरकार रिपोर्ट दर्ज कर रही है।
राज्य सरकार के आदेश पर मालदा जिले के शीर्ष विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम की गैर-जमानती धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किए गए हैं।
विहिप और अन्य संगठनों ने पिछले हफ्ते ही मालदा जिले में सौ से अधिक आदिवासी जोड़ों की सामूहिक विवाह का आयोजन किया था। वहीं अलीपुरदुआर जिले में पुलिस ने सोमवार को भी अलीपुरद्वार शहर में होने वाले एक और समारोह को रोक दिया है। यही नहीं वहां पर स्थापित किया गया पंडाल भी तोड़ दिया गया है। जबकि वीएचपी ने इस कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार से अनुमति ली थी।
पुलिस ने एक दिन पहले ही आयोजकों से घंटों तक पूछताछ की और प्रचार के लिए लगाए गए वाहनों को रोक दिया था और माइक्रोफोन को जब्त कर लिया था। उधर थाने के प्रभारी निरीक्षक रबीन थापा का कहना है कि वीएचपी को आयोजन की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि आयोजकों ने उप-मंडल अधिकारी के कार्यालय से या पुलिस से अनुमति नहीं ली थी। जबकि वीएचपी का कहना है कि जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम के लिए अनुमति ली थी।
असल में राज्य सरकार के अफसरों का कहना है कि सामूहिक विवाह समारोह के आयोजकों ने कहा था कि विवाह हिंदू परंपरा में आयोजित किए जाएंगे। जिसके बाद स्थानीय आदिवासी नेतृत्व से शिकायतें की हैं कि इस विवाह के बाद सरना धर्म के अनुयायी हिंदू धर्म में परिवर्तित हो जाएंगे।
वहीं आरएसएस से जुड़े श्री हरि सत्संग समिति द्वारा इस कार्यक्रम को आयोजित किया जा रहा था। उनका कहना है कि हम कई सालों से इसी तरह के आयोजन कर रहे हैं। संगठन को प्रशासन की सहायता भी प्राप्त है। इसके साथ ही विहिप, वनवासी कल्याण आश्रम, सेवा भारती और श्री हरि सत्संग समिति सहित समेत आरएसएस से जुड़े संगठन कई वर्षों से सामूहिक विवाह का आयोजन कर रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है जब वह प्रशासन से बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा की घटना के कुछ दिनों बाद से ही इस मुद्दे को उठाना शुरू किया। क्योंकि मालदा में इस कार्यक्रम का झारखंड की एक पार्टी ने किया। ममता का कहना है कि आदिवासी महिलाओं को शादी के नाम पर परिवर्तित किया जा रहा था। इस बात के लिए प्रशासन को धन्यवाद देती हूं इस मामले में एक वीएचपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है।
Last Updated Feb 11, 2020, 6:55 AM IST