केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, पश्चिम बंगाल में संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ गई है लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोई मांग नहीं की। 

सारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठीं हैं। इसे लेकर भाजपा ने ममता पर सीधा निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को दावा किया कि ममता बनर्जी सीबीआई जांच से बचने के लिए धरने पर बैठी हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर के पास कई महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं जिनसे सारदा चिटफंड घोटाले से पर्दा उठ सकता है। जावड़ेकर ने कहा, 'राजीव कुमार के पास लाल डायरी और पेन ड्राइव है। ममता को डर है कि कहीं कमिश्नर के पास से निकले ये सबूत उन तक न पहुंच जाएं। यह देश में पहली बार हो रहा है जब राज्य की मुख्यमंत्री केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच नहीं करने दे। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था कि वह सोमवार को बजट पेश होने के दौरान विधानसभा नहीं जाएंगी। उन्होंने राज्य में बन रही स्थिति को ‘आपातकाल’ करार दिया था। जावड़ेकर ने बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा, ‘बंगाल में नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि ममता का आपातकाल है। वह खुद को सीबीआई से बचाने के लिए धरने पर बैठी हैं।’ 

उन्होंने दावा कि राज्य में संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ गई है लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोई मांग नहीं की। जावड़ेकर ने कहा, ‘हम कहेंगे की राज्य में कानून एवं व्यवस्था और संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ गई है।’ भाजपा के राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हम इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते।’ 

तृणमूल सुप्रीमो इस बात पर जोर दे रही हैं कि सीबीआई की कार्रवाई से 'संविधान और संघवाद' की भावना प्रभावित हुई है। राज्य में लगातार नाटकीय घटनाक्रम जारी हैं। ममता बनर्जी मेट्रो सिनेमा पर बनाए गए अस्थायी मंच पर रविवार रात से धरने पर बैठीं। वहीं कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंचे सीबीआई दल को हिरासत में लिया जाना भी एक दुर्लभ वाकया है। एक के बाद एक हुई इन घटनाओं से केंद्र और राज्य सरकार के बीच राजनीति गरमा गई है।