पटना। बिहार में चुनाव से पहले सियासी दलों में नए गठबंधन बन रहे हैं।  फिलहाल राज्य में विपक्षी दलों के महागठबंधन के सहयोगी जीतन राम मांझी ने उनसे नाता तोड़ दिया है और अब राज्य में मांझी एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं।  हालांकि ये तय नहीं है कि उनकी पार्टी का विलय जदयू में होगा या  फिर वह एनडीए का हिस्सा बनकर चुनाव में हिस्सा बनेंगे। लेकिन इतना तय है कि मांझी के जाने से महागठबंधन को नुकसान होगा।

पटना में आज हिंदुस्तान आवामी मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। मांझी ने नीतीश कुमार से पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे।  फिलहाल इस मुलाकात को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस बैठक को अहम माना जा रहा है। फिलहाल माना जा रहा है कि इस बैठक में मांझी के एनडीए में शामिल होने के संबंध में बात हुई है और नियम और शर्तों पर चर्चा हुई।  हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवामी मोर्चा का जदयू में विलय हो सकता है। हालांकि ये भी चर्चा है कि फिर वह चुनावी मैदान में एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं।

विदित है कि पिछले हफ्ते ही मांझी ने अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति पर चर्चा की और एलान किया कि हम महागठबंधन से अलग हो रहे हैं। वहीं मांझी ने कहा था कि वह 30 अगस्त तक अपनी स्थिति को साफ  कर देंगे। हालांकि मांझी का महागठबंधन को छोड़ना महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।  क्योंकि राज्य में 18 फीसदी से ज्यादा दलित वोट हैं। लिहाजा मांझी के एनडीए का हिस्सा बनने के बाद ये वोट बैंक एनडीए की तरफ शिफ्ट हो सकता है।