पीएम मोदी ने 53वें 'मन की बात' कार्यक्रम में पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों की भावनाओं का जिक्र करते हुए कहा, वीर सैनिकों की शहादत के बाद, उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आई हैं, उसने पूरे देश के हौसले को और बल दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम में देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने सबसे पहले, पुलवामा हमले के शहीद जवानों के परिवारों के जज्बे को नमन किया। उन्होंने कहा, पुलवामा के आतंकी हमले में वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों के मन में आघात और आक्रोश है। पीएम ने कहा कि सेना ने आतंकवाद को समूल नाश करने का प्रण लिया है।
Discussing several subjects during #MannKiBaat. Tune in. https://t.co/rgaogMogjP
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2019
पीएम मोदी ने पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों की भावनाओं का जिक्र करते हुए कहा, वीर सैनिकों की शहादत के बाद, उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आई हैं, उसने पूरे देश के हौसले को और बल दिया है। बिहार के भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन ने दुख की इस घड़ी में भी जिस जज्बे का परिचय दिया है, वह हम सबको प्रेरित करता है।
पीएम ने कहा, जब तिरंगे में लिपटे शहीद विजय शोरेन का शव झारखण्ड के गुमला पहुंचा तो मासूम बेटे ने यही कहा कि मैं भी फौज में जाऊंगा | इस मासूम का जज्बा आज भारत के बच्चे-बच्चे की भावना को व्यक्त करता है | ऐसी ही भावनाएं, हमारे वीर, पराक्रमी शहीदों के घर-घर में देखने को मिल रही हैं। हमारा एक भी वीर शहीद इसमें अपवाद नहीं है, उनका परिवार अपवाद नहीं है। चाहे वो देवरिया के शहीद विजय मौर्य का परिवार हो, कांगड़ा के शहीद तिलकराज के माता-पिता हों या फिर कोटा के शहीद हेमराज का छह साल का बेटा हो, शहीदों के हर परिवार की कहानी, प्रेरणा से भरी हुई है।
मैं युवा-पीढ़ी से अनुरोध करूंगा कि वो इन परिवारों के जज्बे, भावना को जानने, समझने का प्रयास करें। देशभक्ति क्या होती है, त्याग-तपस्या क्या होती है, उसके लिए हमें इतिहास की पुरानी घटनाओं की ओर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। पीएम ने कहा कि सेना ने आतंकवाद को समूल नाश करने का प्रण लिया है।
पीएम ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का जिक्र करते हुए कहा, मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई नेशनल वार मैमोरियल नहीं था | एक ऐसा मेमोरियल, जहां राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके | मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए।
मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई National War Memorial नहीं था | एक ऐसा मेमोरियल, जहाँ राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके | मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिये: PM pic.twitter.com/03B3gs8iO8
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2019
पीएम मोदी ने ‘बिरसा मुंडा’, जमशेदजी टाटा और मोरारजी देसाई के कार्यों का विस्तार से जिक्र किया।
आज, अगर हमारे नौजवानों को मार्गदर्शन के लिए किसी प्रेरणादायी व्यक्तित्व की जरुरत है तो वह है भगवान ‘बिरसा मुंडा’: PM#MannKiBaat pic.twitter.com/mDQPW1RUaq
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2019
जमशेदजी टाटा सही मायने में एक दूरदृष्टा थे, जिन्होंने ना केवल भारत के भविष्य को देखा बल्कि उसकी मजबूत नींव भी रखी: PM#MannKiBaat pic.twitter.com/Cmd0eAv8fY
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2019
मोरारजी भाई देसाई के कार्यकाल के दौरान ही 44वाँ संविधान संशोधन लाया गया |
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2019
यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि emergency के दौरान जो 42वाँ संशोधन लाया गया था, जिसमें सुप्रीमकोर्ट की शक्तियों को कम करने और दूसरे ऐसे प्रावधान थे, उनको वापिस किया गया: PM#MannKiBaat pic.twitter.com/UvbjjIRtBz
पीएम ने इस साल घोषित पद्म पुरस्कारों की चर्चा करते हुए कहा, हर साल की तरह इस बार भी पद्म अवार्ड को लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता थी | आज हम एक न्यू इंडिया की ओर अग्रसर हैं | इसमें हम उन लोगों का सम्मान करना चाहते हैं जो जमीनी पर अपना काम निष्काम भाव से कर रहे हैं।
पीएम ने कुछ दिन पहले अपनी वाराणसी यात्रा में कुछ दिव्यांगों से हुई मुलाकात का खासतौर पर जिक्र किया।
मुझे ये सुनकर बहुत अच्छा लगा कि लोग न सिर्फ ‘मन की बात’ सुनते हैं बल्कि उसे कई अवसरों पर याद भी करते हैं: PM#MannKiBaat pic.twitter.com/DOgBUtCM13
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2019
उन्होंने लोगों को महाशिवरात्रि की बधाई दी और साथ ही कहा कि अगले दो महीने, हम सभी चुनाव की गहमा-गहमी में व्यस्त होंगे। मैं स्वयं भी इस चुनाव में एक प्रत्याशी रहूंगा। स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हुए अगली ‘मन की बात’ मई महीने के आखरी रविवार को होगी।
Last Updated Feb 24, 2019, 11:42 AM IST