वाराणसी। तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हाथ से बनी राखी भेजी हैं। मुस्लिम महिलाओं का कहना है जो कार्य पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया है वह एक भाई ही कर सकता है। लेकिन मुस्लिम महिलाओं की इस पहल से मुस्लिम मौलानाओं को परेशानी होने लगी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हाथ से राखी बनाकर भेजी है। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के लिए वो काम किया है जो एक भाई ही कर सकता है।

लिहाजा इस बार राखी के लिए उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी को अपने हाथ से बनी राखी भेजी हैं। मुस्लिम महिलाओं के इस कदम का मुस्लिम मौलाना विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि महिलाओं ने सस्ते प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हैं।

राखी बनाने वाली रामापुरा की हुमा बानो ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने तीन तलाक जैसी कुरीति को खत्म करवाया। नरेंद्र मोदी देश की सभी मुस्लिम महिलाओं के बड़े भाई हैं। इसलिए हम लोगों ने अपने बड़े भाई के लिए राखी तैयार की है।

बानो का कहना है कि राखी पाक रिश्ता बनाती है और चाहे हिंदू हो या मुस्लिम। पीएम नरेन्द्र मोदी ने मुस्लिम औरतों का दर्द समझा और तीन तलाक से मुक्ति दिलाई है। बानो का कहना है कि मौलाना इससे बेवजह नाराज हो रहे हैं जबकि ये प्रेम का बंधन है।

हालांकि इस मामले में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष मतीन खान का कहना है कि संघ का अनुषांगिक संगठन मुस्लिम मंच ये सब काम करवा रहा है ताकि मुस्लिमों में एकता न रहे। ये लोग नकाब और टोपी पहनकर इस तरह की हरकतें करते हैं। कुछ किराये पर लाए गए मुस्लिम ये काम कर रहे हैं।

वहीं ऑल इंडिया महिला मुस्लिम लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर कहती हैं कि राखी भेजने में किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। आज तीन तलाक जैसी कुप्रथा के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। मौलाना इस्तिफाक कादरी ने कहा कि हिंदुस्तान बहुत बड़ा देश है। तीन तलाक नहीं होना चाहिए। लेकिन राखी भेजना सिर्फ दिखावे के लिए है।