वैसे तो बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन हमेशा से ही सियासी होता है। लेकिन इस बार राजनीति कुछ ज्यादा ही दिखाई देने लगी है। महागठबंधन बनाने के चार दिन के अंदर ही अखिलेश यादव फिर से मायावती के दरवाजे पर पहुंच गए और फोटो खिंचाते हुए सियासी साथ निभाने की कसमें खाई।
चार दिन के अंदर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर बसपा प्रमुख मायावती के दरवाजे पर पहुंच गए। इस बार बहाना था मायावती के 63वें जन्मदिन का।
इस दौरान अखिलेश के साथ समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी मौजूद थे।
अखिलेश ने मायावती को फूलों का गुलदस्ता दिया, सम्मानसूचक शॉल ओढ़ाई और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।
मायावती ने भी घर से बाहर आकर खुद अखिलेश का स्वागत किया। उनके साथ बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद थे।
इसके बाद दोनों ही नेताओं ने अपनी एकजुटता दर्शाने के लिए साथ फोटो खिंचाई और घर के अंदर चले गए।
अखिलेश यादव के आने से पहले मायावती के आवास पर उनके जन्मदिन की भारी चहल पहल थी।
मायावती ने इस बार के जन्मदिन पर अपने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में बसपा-सपा गठबंधन को जीत दिलाने का गिफ्ट मांगा है।
मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को दिए गए अपने संबोधन में बीजेपी-कांग्रेस दोनों को ही निशाने पर रखा।
उन्होंने भाजपा को अहंकारी और वादाखिलाफी करने वाली पार्टी बताया साथ ही देश में सबसे अधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस एंड कंपनी को भी सबक सिखाने की जरूरत बताई।
Last Updated Jan 15, 2019, 3:47 PM IST