- अमेठी, रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई। आरएलडी के खाते में परंपरागत मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीटें आईं हैं।
देश की राजनीति के केंद्र उत्तर प्रदेश के दो सियासी दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया है। यह तय कर लिया गया है कि प्रदेश की कौन सी सीट पर कौन पार्टी लड़ेगी। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की सहमति के बाद यूपी की 80 सीटों में से दोनों ने 75 सीटों को आपस में बांटा है। सपा और बसपा ने लगभग आधी-आधी सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है। पांच सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं।
आगामी चुनाव में सपा 37 और बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली की दो सीटें छोड़ी हैं। राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को तीन सीटें दी गई हैं। आरएलडी के खाते में उसकी परंपरागत मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीटें आईं हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटें एसपी तो पूर्वी यूपी की ज्यादातर सीटें बसपा के खाते में आईं हैं।
सपा-बसपा के बीच हुए इस बंटवारे में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर मायावती की पार्टी का दबदबा बरकरार है। यूपी की 80 सीटों में से कुल 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इनमें से बसपा के हिस्से में 10 वहीं एसपी के हिस्से में सात सीटें आईं हैं। 2014 में जिन पांच लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी, उन सभी पर इस बार भी सपा ही लड़ेगी। कैराना, मुरादाबाद, रामपुर, गाजियाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बरेली, एटा, बदायूं, लखनऊ, पीलीभीत, कानपुर की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई है।