-माया ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा हैं एक ही थाली के चट्टे-बट्टे

राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने वाली बसपा की रणनीति को लेकर कांग्रेस असमंजस में हैं। मायावती ने राफेल को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। माया ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार में डूब जाती है। हालांकि मायावती ने भाजपा पर भी निशाना साधा है।

मायावती भाजपा और कांग्रेस पर हमलावर हो रही है। पिछले दिनों कांग्रेस की विपक्षी दलों की बैठक से भी बसपा ने दूरी बनाकर रखी। इससे पहले भी यूपी में कांग्रेस के राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के विरोध प्रदर्शनों में बसपा ने हिस्सा नहीं लिया। असल में तीन हिंदीभाषी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहा था। लेकिन कांग्रेसी नेताओं के कारण बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो पाया है।

हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने बसपा प्रमुख से इस सिलसिले में बातचीत की कोशिश की थी। लेकिन तब तक बसपा छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ गठबंधन कर चुकी थी। अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए बसपा और सपा के साथ गठबंधन करना चाहती है। लेकिन मायावती की हमलावर होने से लगता है कि मायावती यूपी में कांग्रेस को सहयोगी दल नहीं बनाना चाहती है। इसलिए वह कांग्रेस पर हमलावर हो रही है। क्योंकि अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं। अगर इसके लिए कांग्रेस का बसपा के साथ गठबंधन नहीं होता है तो उस कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ना होगा। ऐसे में बसपा भाजपा और कांग्रेस से बराबर दूरी बनाकर चल रही है।

राफेल के मुद्दे पर बसपा ने फिर से कांग्रेस को घेरा। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संकट में घिरी केंद्र सरकार को राहत मिली है, लेकिन अब जरूरी है कि सरकार दीर्घकालीन पारदर्शी नीति बनाए, जिससे देश हित में रक्षा सौदों में होने वाली गड़बड़ियां रोकी जा सकें। मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों पार्टियां एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं और दोनों पार्टियां पर सत्ता मिलने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।

कुछ साल पहले केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी तो बोफोर्स तोप का घोटाला हुआ और अब केंद्र में भाजपा है तो राफेल डील में गड़बड़ी हुई है। माया ने कहा कि देश हित में अब केंद्र सरकार सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर रक्षा सौदों की खरीद में एक दीर्घकालीन व पारदर्शी नीति बनाए ताकि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार न हो। दो दिन पहले ही मायावती ने बिना शर्त मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया था और कांग्रेस के खिलाफ बयान देकर कांग्रेस से लोकसभा चुनाव के लिए दूरी भी जता दी है।