नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने पीएम नरेन्द्र मोदी की पत्नी को लेकर बहुत आपत्तिजनक टिप्पणी की है।  मायावती ने बयान दिया है कि ‘नरेंद्र मोदी अलवर गैंगरेप मामले के प्रकाश में आने के बाद चुप थे। वह इस पर घृणास्पद राजनीति करने की कोशिश में हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं जिससे उन्हें इसका राजनीतिक लाभ मिल सके। यह बेहद शर्मनाक है। वे किसी और की बहन और पत्नी का सम्मान कैसे कर सकते हैं जब उन्होंने अपनी पत्नी को राजनीतिक लाभ के लिए छोड़ दिया’। 
मायावती यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे तो यह भी मालूम है कि बीजेपी में खासकर विवाहित महिलाएं अपने आदमियों को श्री मोदी के नजदीक जाते देखकर, ये सोचकर भी ज्यादा घबराती हैं कि कहीं ये मोदी अपनी पत्नी की तरह हमें भी अपने पति से अलग न करवा दें।'

मायावती के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। पार्टी की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मायावती के खिलाफ मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि ‘मायावती प्रधानमंत्री बनने के लिए दृढ़ हैं। उनका शासन और सियासी नैतिकता हमेशा निम्नतम स्तर पर रही है। अब प्रधानमंत्री पर उनके विवादित बयान से उजागर हो गया है कि बसपा सुप्रीमो सार्वजनिक जीवन में पूरी तरह अनफिट हो चुकी हैं’।

वहीं बलिया में प्रचार के लिए पहुंची बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने भी मायावती पर अपना गुस्सा निकाला। उन्होंने कहा कि मायावती जिस तरह आरोप लगा रही हैं वो उनकी बौखलाहट है। उन्होंने मायावती को गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाई। साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि मैं भगवा पहनती हूं और मोदी जी सफेद कपड़े पहनते हैं।  फिर भी उनका स्वभाव संत जैसा है। वह सब के बारे में सोचते है। मायावती को उनसे क्षमा मांगनी चाहिए। मैं बसपा प्रमुख के बयान की निंदा करती हूं।

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मायावती पीएम मोदी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि उन्होंने अलवर गैंगरेप को लेकर रविवार को यूपी के कुशीनगर में हुई जनसभा में कहा था कि ‘प्रदेश की बेटियां आज बहन जी से पूछ रही हैं कि राजस्थान की घटना के बाद बहन जी ने अब तक कांग्रेस से अपना समर्थन वापस क्यों नहीं लिया है। वहां 'नामदार' की सरकार है, जो बसपा के सहयोग से चल रही है। दोनों पार्टियां इस घटना को दबाने में लगी हैं।’। 

26 अप्रैल को कुछ लोगों ने थाना गाजी-अलवर रोड पर मोटर साइकिल पर जा रहे दलित दंपति को रोककर उनकी पिटाई की और पति के सामने महिला से गैंगरेप किया। यही नहीं एक आरोपी ने इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इस घटना के बाद राजस्थान पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे थे। सिर्फ एफआईआर दर्ज करने में पुलिस को तीन दिन का वक्त लग गया।