भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने के विपक्ष के मंसूबे को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने तगड़ा झटका दिया है। मायावती ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है।

मायावती ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सियासी जानकारों की मानें तो इस गठबंधन के बनने से कांग्रेस भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे पहले इस बात के कयास लागाए जा रहे थे की बसपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी लेकिन मायावती ने अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को झटका दे दिया।

प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 35 पर बसपा और 55 पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। अगर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के जनाधार की बात करें तो 90 में से 10 से ज्यादा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी का बड़ा जनाधार है। इन सीटों पर बसपा कई बार चुनाव जीत चुकी है  इसलिए माना जा रहा है कि इस गठबंधन के बनने के बाद बसपा और जनता कांग्रेस दोनों को फायदा होगा।

अजीत जोगी की पार्टी का जनाधार भी उन्हीं इलाकों में है जिन इलाकों में बसपा कुछ हजार वोटों से ही हार जाती थी। इसलिए इस गठबंधन के बाद बसपा की सीटें बढ़ेंगी और अजीत जोगी की पार्टी को भी इसका फायदा होगा। अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो बसपा का छत्तीसगढ़ में एक विधायक है। वही कांग्रेस के तीन विधायक इस समय जोगी के पास हैं।

माना जा रहा है कांग्रेस के और भी कई विधायक जनता कांग्रेस से लगातार संपर्क में है। बसपा का जनाधार जिन इलाकों में है उन इलाकों में 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा के कई प्रत्याशी कुछ हजार वोटों से ही चुनाव हार गए थे और अगर ऐसे में इन प्रत्याशियों को जनता कांग्रेस का साथ मिलता है तो निश्चित तौर पर 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के विधायकों की संख्या बढ़ेगी और जनता कांग्रेस को भी इसका फायदा मिलेगा। 2013 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में में कुल सीटों में से बीजेपी के पास 49  कांग्रेस के पास 39 एक निर्दलीय और एक विधायक बसपा का जीता था।