बहुजन समाज पार्टी ने पूर्वांचल में अपना सोशल इंजीनियरिंग कार्ड खेल दिया है। पार्टी ने पूर्वांचल की 16 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन को दोहराने के लिए मायावती ने अपना जांचा परखा सोशल इंजीनियरिंग कार्ड खेला है। जिससे निसंदेह विपक्षी दलों की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी। अगर देखें तो बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने पूर्वांचल की 16 सीटों में तीन सीटों को छोड़कर सभी जगह प्रत्याशी बदल दिए हैं। यही नहीं पूर्वांचल में मायावती ने 25 फीसदी बाह्मणों को टिकट देकर अपनी मंशा को जाहिर कर दिया है। 

पूर्वांचल में मुस्लिमों को ध्यान में रखते हुए मायावती ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को दिया है जबकि ब्राह्मणों को साधते हुए पिछले दिनों दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में असलहा लहराने के बाद सुर्खियों में आए आशीष पांडे के भाई और वर्तमान विधायक रितेश पांडे को टिकट दिया है।

इस सूची में मायावती ने करीब 25 फीसदी ब्राह्मणों को टिकट दिया है। क्योंकि पूर्वांचल में बाह्मण का प्रभाव है और अपनी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए मायावती पहले सत्ता का स्वाद चख चुकी हैं। मायावती ने प्रतापगढ़ में ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव खेला है। जबकि बस्ती राम प्रसाद चौधरी को टिकट दिया है। वहीं संत कबीर नगर में भी बसपा ने पुराने प्रत्याशी भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को टिकट दिया है। जबकि देवरिया में बीएसपी ने विनोद कुमार जायसवाल को टिकट देकर दांव लगाया है।

बांसगांव से सदल प्रसाद को टिकट दिया गया है। वहीं लालगंज से संगीता को टिकट दिया है। जबकि भूमिहार वोटों को देखते हुए घोषी सीट से अतुल राय को प्रत्याशी बनाया है। सलेमपुर से बसपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को टिकट दिया है। वहीं भदोही से रंगनाथ मिश्रा को इस बार बीएसपी ने ब्राह्मण वोटरों को साधने की तैयारी की है। वहीं डुमरियांगज से आफताब आलम चुनावी मैदान में उतारा है।