नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया। यानी इस बार महबूबा की ईद कैद में ही मनेगी। महबूबा को जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद रखा गया है। पिछले साल केन्द्र सरकार के आदेश के बाद मुफ्ती जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पिछले साल से हिरासत में रखा गया है। हालांकि महबूबा के साथ ही राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में रखा गया था। लेकिन महबूबा को सरकार ने कैद से आजादी नहीं दी है।

पिछले साल राज्य में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही महबूबा को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद इस साल मई की शुरुआत में पीएसए के तहत महबूबा की हिरासत को और तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था। अब समयसीमा खत्म हो रही है और लिहाजा अब केन्द्र सरकार ने इस अवधि को बढ़ा दिया है। फिलहाल कोरोना के मद्देनजर महबूबा को अस्थायी जेल से उनके घर में शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि इससे पहले राज्य से धारा 370 का विरोध करने वाले पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को सरकार ने रिहा किया है। लोन को भी हिरासत में लिया गया था। उधर लोन ने सरकारी हिरासत से रिहा होने के बाद इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए और कहा कि एक साल पूरे होने से पांच दिन पहले मुझे आजाद किया गया है और अब मैं आजाद हूं।

पांच अगस्त को पूरे होंगे अनुच्छेद 370 हटाने का एक साल

पिछले साल केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था। इस दौरान केन्द्र सरकार ने राज्य के सैकड़ों नेताओं को हिरासत में लिया था और इसके बाद राज्य के सामान्य होते हालात के बाद इन नेताओं को रिहा किया गया। वहीं राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार को चलाया। हालांकि अभी तक केन्द्र सरकार हिरासत में लिए गए कई नेताओं को रिहा कर चुकी है।