केंद्रीय गृहमंत्रालय ने गैर सरकारी संगठन इंफोसिस फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब फाउंडेशन किसी भी प्रकार का विदेशी अनुदान नहीं ले सकेगा। शुरुआत में गृह मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि फाउंडेशन के खिलाफ विदेशी अनुदान प्राप्त करने के नियमों (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की गई है। हालांकि देर शाम गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया कि इंफोसिस के अनुरोध पर ही लाइसेंस रद्द किया गया है। 

इंफोसिस फाउंडेशन ने भी कहा है कि उसने गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण रद्द करवाने के लिए खुद आवेदन किया था। इसी के बाद गृहमंत्रालय ने यह कार्रवाई की। वर्ष 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे फाउंडेशन के जन संपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि एफसीआरए में 2016 में किए गए संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘हमने मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने को कहा था। हम अनुरोध स्वीकार करने के लिए मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं। इंफोसिस के संस्थापक चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति इसकी अध्यक्ष हैं। 

गृह मंत्रालय ने पिछले साल 1,755 गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिए थे। इसमें कुछ कंपनियां भी हैं। विदेशों से सहायता लेने वाले गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कराना होता है। ऐसे किसी चंदे का हिसाब-किताब संगठन को हर साल वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद नौ माह के भीतर सरकार को देना होता है।  (एजेंसी इनपुट के साथ)