डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख विजय कुमार सारस्वत ने भी खुलासा किया कि 2012 और 2013 में यूपीए सरकार ने 'मिशन शक्ति' के लिए जरूरी अनुमति नहीं दी थी।
एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ‘मिशन शक्ति’ को लेकर कांग्रेस की ओर से लगातार बयान आ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जहां खुद इसे पीएम का 'ड्रामा' कह चुके हैं, वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस उपलब्धि पर विवादित बयान देते हुए कहा कि ये राजनीतिक हथकंडा है और यह चुनाव नहीं जिताएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के पास यह उपलब्धि 2012 से है।
उधर, इस तरह की उपलब्धियों का क्रेडिट लेने के सवालों का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, इसका श्रेय वैज्ञानिकों को जाता है। उन्होंने भारत को ए-सैट मिसाइल क्षमता वाले देशों की खास सूची में शामिल कर दिया है। कुछ लोगों द्वारा शर्मनाक उपहास उड़ाने से प्रभावित हुए बिना वे मां भारती की सेवा कर रहे हैं। हालांकि पीएम ने यह बात दीपा मलिक के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए कही।
Full credit to our scientists who succeeded in making India a part of an elite group of countries who have ASAT missile capability.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2019
Undaunted by the shameful mockery of a select few, they continue to serve Maa Bharti. #MissionShakti https://t.co/FQ7ZuQChTi
इससे पहले, कांग्रेस ने उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमता के सफल इस्तेमाल के लिए वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए केंद्र सरकार पर वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि का भी श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत मुबारक और शुभकामनाएं। भारत ने एक और मील का पत्थर कायम किया है। यह क्षमता 2012 में डीआरडीओ ने हासिल कर ली थी। इसके बाद आज इसका व्यावहारिक परीक्षण किया गया।’
उपग्रह रोधी मिसाइल की सफलता की घोषणा स्वयं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जाने के कारण इस उपलब्धि से चुनावी लाभ लेने के आरोपों के बारे में पूछने पर सुरजेवाला ने कहा, ‘जब सब कुछ खोने लगे, जब राजनीतिक धरातल खिसक जाये, जब कुछ भी हासिल न हो रहा हो, जब 15 लाख रुपये वाले जुमलों की पोल खुल जाए, जब किसान इंसाफ मांगे, और जब कांग्रेस की न्याय योजना से घबराहट शुरू हो जाए तो उस हड़बड़ी में कुछ भी करना पड़ता है।’ उन्होंने कहा कि इससे पहले भी उपग्रह प्रक्षेपण से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अनगिनत उपलब्धियां हासिल की गई हैं और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियों के लिए सभी सरकारों का डीआरडीओ को पूरा सहयोग और समर्थन रहा। लेकिन यह शायद पहला मौका है जबकि प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों की उपलब्धि को सार्वजनिक किया। यह वही व्यक्ति है जिसने हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड को नष्ट कर दिया।’
प्रधानमंत्री द्वारा उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल प्रयोग की जानकारी देश को देने से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि इस सवाल का जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए। इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर तंज कसा। राहुल गांधी ने डीआरडीओ को शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट में पीएम मोदी पर इशारों में हमला किया। राहुल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'वेल डन डीआरडीओ, आपकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है। मैं प्रधानमंत्री को वर्ल्ड थिअटर डे की बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।'
हालांकि सुरजेवाला के दावे के उलट डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख विजय कुमार सारस्वत ने खुलासा किया कि 2012 और 2013 में यूपीए सरकार ने 'मिशन शक्ति' के लिए जरूरी अनुमति नहीं दी थी, हालांकि तब संगठन आवश्यक कदमों के साथ उस समय भी तैयार था। उन्होंने कहा कि हमने यूपीए के समय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में प्रस्तुतियां दीं, जब इस तरह की चर्चाएं हुईं, तो उन्हें सभी संबंधित पक्षों को सुना, लेकिन दुर्भाग्य से हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए हमने नहीं किया।
Dr VK Saraswat on #MissionShakti: When proposal was put up by Dr Satheesh Reddy & NSA Ajit Doval to PM Modi, he had the courage & based on that he gave a go ahead. If the clearances were given in 2012-13, I'm quite certain that the launch would have happened in 2014-15. https://t.co/Amnf62Qa0r
— ANI (@ANI) March 27, 2019
Last Updated Mar 27, 2019, 5:33 PM IST