केरल- दुष्कर्म के आरोपी बिशप को बचाने के लिए ईसाई संस्था ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ सामने आ गई है। उसने अपनी संस्था से जुड़े दुष्कर्म आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बचाने के लिए हर संभव कोशिश शुरु कर दी है। यहां तक कि इस जद्दोजहद में इस संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन तक कर दिया है। 

नन से रेप करने के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बचाने के लिए ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ ने एक प्रेस कांफ्रेन्स करके पीड़िता को ही बदनाम करने की कोशिश शुरु कर दी। उसने बलात्कार पीड़िता की तस्वीरें जारी कर दी हैं। 

यह अदालत के उस आदेश का सरासर उल्लंघन है, जिसमें अदालत ने रेप पीड़िता की पहचान छुपाकर रखे जाने का आदेश दिया था। 

‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ द्वारा अपनी बेटी को बदनाम करने की कोशिश का पता चलते ही रेप पीड़िता नन के पिता ने कोट्टयम जिले के कुराविलनगादू थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता के भाई ने एसआईटी(SIT) के डीएसपी के पास इसकी लिखित शिकायत दी। जिसके बाद केरल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। 
पुलिस अब पीड़ित नन का बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु कर रही है। 

 ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ ने प्रेस कांफ्रेन्स करते हुए एक सार्वजनिक समारोह की तस्वीरें दिखाई। जिसमें दुष्कर्म पीड़ित नन और आरोपी एक साथ दिख रहे हैं। यह एक निजी समारोह की तस्वीर है, जिसके बारे मे दावा किया गया कि यह मई 2015 में खींची गई थी।  

पीड़िता का आरोप है, कि उसके साथ 2014 और 2016 के बीच 13 बार बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने बलात्कार किया। लेकिन ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ ने 2015 की तस्वीर जारी करके पीड़िता को बदनाम करने और उसे साजिशकर्ता साबित करने की कोशिश की है।  

शिकायत दाखिल करने के बाद नन कभी सार्वजनिक रूप से या मीडिया के सामने पेश नहीं हुई। लेकिन ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ ने उन्हें बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उसने प्रेस कांफ्रेन्स करके दावा किया है, कि आरोप लगाने वाली नन ने आरोपी फ्रैंको मुलक्कल के साथ 2014 से 2016 के बीच कई कार्यक्रमों में भाग लिया था। संस्था ने तस्वीर में नन के मुस्कुराने पर भी सवालिया निशान लगाने की कोशिश की। जो कि स्त्री की गरिमा के बिल्कुल विरुद्ध है। 

आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल एक प्रभावशाली व्यक्ति है। उसके कई राजनेताओं से घनिष्ठ संबंध हैं। इसके अलावा वह कई कंपनियों में डायरेक्टर भी है। यह कंपनियां राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान चंदा भी देती हैं।  

रेप का आरोपी बिशप फ्रैंको के संपर्क इतने गहरे हैं, कि उसके समर्थक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने में भी हिचक नहीं रहे हैं। हाल ही में एक निर्दलीय विधायक पी.सी.जॉर्ज ने भी प्रेस कांफ्रेन्स करके पीड़िता नन के चरित्र हनन की कोशिश की थी और उन्हें दुश्चरित्र साबित करने की कोशिश की थी। इस विधायक का बयान इतना आपत्तिजनक था, कि उसे हम यहां लिख भी नहीं सकते। यह एक स्त्री की मर्यादा और गरिमा का खुलेआम मजाक उड़ाने जैसा था। 

इस मामले की सुनवाई केरल हाई कोर्ट की एक बैंच कर रही है। पीड़ित लड़की के खिलाफ अभियान छेड़ने और रेप के आरोपी बिशप के समर्थन में चर्च समूह के आने की लोग निंदा कर रहे हैं। उधर आरोपी बिशप की गिरफ्तारी में हो रही देरी के खिलाफ केरल हाई कोर्ट के बाहर आठ दिनों से प्रदर्शन चल रहा है।

कोर्ट ने 10 सितंबर को राज्य सरकार द्वारा नन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि अगर जांच जल्दबाजी में की जाएगी तो आरोपी को इस मामले में बच निकलने का मौका मिल जाएगा। यह घटना कुछ साल पहले हुई थी इसलिए यह स्वाभाविक है कि जांच में समय लग रहा है।