अरुण जेटली ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर किया अनुरोध, नई सरकार में कोई दायित्व न दिया जाए। पार्टी से काफी कुछ मिला है। मैं इससे ज्यादा की कुछ और मांग नहीं कर सकता। 

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मई को शपथ लेने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे। सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए वित्तमंत्री ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से नई सरकार में मंत्री नहीं बनना चाहते हैं।

जेटली ने पीएम मोदी को लिखे चार पैराग्राफ के पत्र में कहा कि वह अपने उपचार और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने नई सरकार में मंत्री न बनने की अपनी इच्छा के बारे में मोदी को मौखिक रूप से सूचित कर दिया था।

उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे गए अपने पत्र में लिखा, ‘मैं आपसे औपचारिक आग्रह करने के लिए पत्र लिख रहा हूं कि मुझे स्वयं के लिए, मेरे उपचार और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए और इसलिए मुझे नई सरकार में फिलहाल कोई दायित्व नहीं दिया जाए।’ 

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पिछले डेढ़ साल से जेटली काफी बीमार हैं। वह किडनी संबंधी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनका किडनी प्रत्यारोपण भी किया गया है। उन्होंने पत्र में लिखा, 'पिछले 18 महीनों से मैं स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा हूं। स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए मैं आग्रह करूंगा कि मुझे कोई और अतिरिक्त जिम्मेदारी न दी जाए।'  

जेटली ने अपने पत्र में पीएम मोदी का आभार जताते हुए लिखा कि उनके नेतृत्व में देश को विकास के नए रास्ते पर ले जाने का मौका मिला। जेटली ने पत्र में लिखा, 'पार्टी में रहते हुए मुझे संगठन स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दी गई, एनडीए की पहली सरकार में मंत्री पद और विपक्ष में रहते हुए भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला। मैं इससे ज्यादा की कुछ और मांग नहीं कर सकता।'