नौसेना की ताकत को और मजबूती देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने रूस से चार युद्धपोत खरीदने को मंजूरी दे दी है। यह सौदा 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।

मोदी सरकार की ओर से मंजूरी दिए जाने के बाद दोनों देश रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे भारत दौरे में इसकी घोषणा कर सकते हैं। 

सरकार के सूत्रों ने नाम गुप्त रखे जाने की शर्त पर 'माय नेशन' को बताया, 'प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने नौसेना के लिए चार जंगी जहाजों की खरीदने को मंजूरी दे दी है। इनमें से दो युद्धपोतों का निर्माण रूस जबकि दो अन्य को भारत में बनाया जाएगा।'

दो युद्धपोत रूस के कालिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में बनाए जाएंगे जबकि शेष दो का निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा रक्षा क्षेत्र के लिए मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। 

योजना के अनुसार, रूस ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लैस दो क्रिवाक श्रेणी के पोतों की चार साल में आपूर्ति करेगा। वहीं गोवा शिपयार्ड सौदे पर दस्तखत होने के बाद छह से सात साल में इनकी आपूर्ति करेंगे। इस सौदे पर कई वर्षों से बात हो रही थी, लेकिन अब दोनों पक्ष इसके नियम एवं शर्तों पर काम कर रहे हैं। 

भारत और रूस एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच यूनिट खरीदने पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। रूस से होने वाला यह सौदा 35,000 करोड़ रुपये का है। आने वाले वर्षों में यह प्रणाली भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। 

भारत ने रक्षा खरीद को लेकर अमेरिका और रूस में संतुलन बना रखा है। रूस के साथ 8 बिलियन डॉलर का करार करने से पहले सरकार ने अमेरिका से इस साल चार बिलियन डॉलर की मिसाइल प्रणाली और नौसेना के लिए हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी है।