संसद का सत्र इस बार 13 फरवरी तक ही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ईलाज के लिए विदेश में हैं। इसलिए पहली बार पीयूष गोयल केन्द्रीय बजट पेश करेंगे। जो कि पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। 
हालांकि मोदी सरकार ने बजट से पहले ही कई तरह की घोषणाएं कर दी हैं। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में सरकार कुछ विशेष तबकों के लिए बड़ी रियायतों की घोषणा कर सकती है। 

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को डर है कि आने वाले बजट में केन्द्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र और मध्य वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं कर सकती है और  बीजेपी को लोकसभा चुनाव के समय इसका फायदा मिल  सकता है।  बीजेपी नेताओं का भी मानना है कि लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) किसी पूर्ण बजट की ही तरह होता है और सरकार को किसानों, ग्रामीण क्षेत्र और मध्यवर्ग के लिए रियायतों की घोषणा से पीछे नहीं हटना चाहिए। 

लेकिन कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के इस रवैये से घबराई हुई है। उसने अपील की है कि चेताया है कि वह संसदीय परंपरा का उल्लंघन करने की कोशिश ना की जाए।

दरअसल 2017-18 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में दिखी। विदेशी मुद्रा भंडार 11.3 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है। चालू खाते का घाटा मार्च 2017- 2018 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.6% और 2% बीच था। ज्यादातर समय तक भारतीय रुपया (INR) अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले स्थिर दिखाई दिया। 

यह स्थितियां आम लोगों के लिए बड़ी घोषणाएं करने के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करती हैं।  

 बीजेपी नेताओं का भी मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट के लिए लेखानुदान शब्द का इस्तेमाल बेवजह है और इसमें तमाम तरह की घोषणाएं की जानी चाहिए, जो पूर्ण बजट में की जाती हैं। 

आगामी आम चुनाव में जिन वोटरों पर बीजेपी की निगाह टिकी है, उनके लिए राहतों की घोषणाएं हो सकती हैं। 

कांग्रेस को भी बीजेपी के इरादों की जानकारी हो गई है। इसलिए कांग्रेस नेताओं ने मौजूदा केंद्र सरकार को लेखानुदान की परंपरा का पालन करने की चेतावनी दी है। 

वहीं, बीजेपी के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की सरकार पहले ही इस परंपरा का उल्लंघन कर चुकी है, इसलिए उसे बीजेपी को इस बारे में शिक्षा देने का कोई अधिकार नहीं है। 

गौरतलब है कि  2014 में यूपीए-2 के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कारों और टेलिकॉम हैंडसेट के लिए 4 फीसदी अप्रत्यक्ष कर रियायत की घोषणा की थी। इसके साथ ही, कार, मोबाइल फोन, टीवी और फ्रिज सस्ते करने के लिए करों में कमी का प्रस्ताव भी पेश किया गया था। 

बताया जा रहा है कि इस  बार के बजट में बीजेपी किसानों को रियायत देने की तैयारी कर रही है। क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान ग्रामीण इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। 

पिछले दिनों आर्थिक मामलों के बजट अनुभाग ने जो मंत्रालयों को पत्र भेजा है, उससे जाहिर होता है कि सरकार अंदरखाने कुछ बड़ी घोषणाएं करने की तैयारी कर रही है। 

पहले भी यह खबर आ चुका है कि इस बार के बजट में केन्द्र सरकार आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर सकती है, जो कि मध्य वर्ग के लिए बड़ी राहत की बात होगी। 

लेकिन कांग्रेस इसमें अड़ंगा लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह पूर्ण बजट पेश करेगी तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर इसका विरोध करेगी।