आज से भारत की यात्रा पर आ रहे सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की यात्रा से पहले मोदी सरकार ने अहम तैयारियां कर ली थी। मोदी सरकार ने उनकी भारत यात्रा से पहले ही एक प्रतिनिधि मंडल को सऊदी अरब भेजकर भारत के साथ होने वाले करार के लिए ब्यू प्रिंट तैयार कर लिया था।

असल में नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत की अगुवाई में 16 फरवरी को ही उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब की यात्रा की थी। इस यात्रा में भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, औषधि और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बातचीत की थी। यह यात्रा सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की आज से शुरू हो रही दो दिन की भारत यात्रा से पहले हुई है। इस यात्रा के दौरान इनवेस्ट इंडिया ग्रिड सऊदी अरब में शुरू किया गया था।

इनवेस्ट इंडिया भारत में सऊदी अरब के निवेश को सुगम बनाने के लिए एक अलग से टीम गठित कर रही है। इस यात्रा के दौरान छह कार्य समूह ने निवेश, व्यापार और कारोबार के 40 अवसरों की पहचान की है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार पिछले साल अप्रैल से नवम्बर के दौरान 23.24 अरब डालर का रहा। असल में भारत ने मोहम्मद बिन सलमान के इस्लामाबाद से सीधे दिल्ली आने पर आपत्ति दर्ज की थी। जिसके बाद उन्होंने अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और वह रियाद लौट गए और अब वहां से दिल्ली आएंगे।

इससे पहले भी सऊदी अरब के प्रिंस ने अपनी यात्रा से पहले पाकिस्तान को झटका दे दिया था और अपने पाकिस्तान के कार्यक्रम में बदलाव किया था। पूरे विश्व में अलग थलक पड़ चुके पाकिस्तान के लिए ये बढ़ा झटका था। हालांकि सऊदी अरब के प्रिंस ने पाकिस्तान के लिए अपना बड़ा खजाना नहीं खोला। जिसकी पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था। सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान आज से भारत के दौरे पर आ रहे हैं। यहां भारत सरकार पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा उनके सामने उठाएगी।

भारत की पूरी कोशिश रहेगी की सऊदी सरकार पाकिस्तान को कोई आर्थिक मदद न दे। साथ ही वह भारत के साथ निवेश पर बड़े करार करें। मोहम्मद बिन सलमान का पहला भारत दौरा है। भारत और सऊदी के बीच रक्षा संबंधों पर करार हो सकते हैं। सऊदी अरब ने भी पुलवामा हमले की कड़ी निंदा की है। ऐसा कहा जा रहा है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी प्रिंस की मुलाकात के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा उठाएगा।  

फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था इस समय मजबूत है और उसकी विकास दर 7 प्रतिशत है। जानकारी के मुताबिक भारत सऊदी अरब का 8वां रणनीतिक साझेदार देश है। फिलहाल रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना में सऊदी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी  के जरिए 44 बिलियन डॉलर के निवेश पर बातचीत भी इस यात्रा के दौरान होगी। वहीं इस यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश का ऐलान कर सकते हैं। फिलहाल दोनों देश सक्रिय रूप से आतंकवाद-रोधी, खुफिया साझाकरण, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद पर जानकारी साझा करने में सक्रिय हैं।