आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए आज लोकसभा में पेश हुए बजट में केन्द्र की भाजपा सरकार ने सीधे तौर पर किसान और गौ सेवा और संरक्षण कार्ड खेला है। अंतरिम बजट में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट में गायों के लिए कामधेनु योजना का ऐलान किया। इसके साथ ही राष्ट्रीय गोकुल आयोग का गठन करने का फैसला किया। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा को चुनाव में इसका सीधा मिलेगा। कई राज्यों में भाजपा सरकारें गौ संरक्षण के लिए कई तरह की योजना चला रही हैं। 

आज लोकसभा में बजट शुरू करने के बाद वित्तमंत्री ने किसानों के लिए खई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने किसानों की एमएसपी को दो गुना करने का दावा किया तो उन्होंने किसानों के लिए एकमुश्त राशि देने का ऐलान किया। इसके बाद पीयूष गोयल ने गायों के लिए कामधेनु योजना का ऐलान किया। गोयल ने गौ सेवा के लिए राष्ट्रीय गोकुल आयोग खोला जाएगा वहीं कामधेनु योजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

केन्द्र से पहले राजस्थान में भी भाजपा सरकार गौ संरक्षण के लिए कार्य कर चुकी है और उत्तर प्रदेश में सरकार ने हाल ही में गौ सेवा के लिए सेस को लागू करने का फैसला किया था। राजस्थान में सरकार ने गौ ग्रास योजना के जरिए जनता, व्यापारियों और उद्योगपतियों से पैसा एकत्र कर गाय संरक्षण की योजना को लागू किया था। हालांकि पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य में गौ संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को आदेश दिए। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इसका जिक्र किया था।

जिसका फायदा चुनाव के दौरान राज्य सरकार को हुआ था। कमलनाथ सरकार पूरे राज्य में 1000 गौशाला खोलने का ऐलान किया है। जबकि इससे पहले राज्य की शिवराज सिंह सरकार गौ सरंक्षण के लिए कार्य कर रही थी। राज्य में पहले चरण में 614 निजी गौशालाओं की संख्या बढ़ाकर 60,000 की जाएगी।