न्यूज डेस्क। साइबर फ्रॉड लोगों के साथ अब सरकार के लिए भी सिर दर्द बन गया है। इस पर नकेल करने के लिए सरकार ने भी पूरी तैयारी कर ली है और अब ब्लैक में सिम खरीद कर उसका गलत प्रयोग कर लोगों को चूना लगाने वालों की खैर नहीं। केंद्र सरकार ने सिम कार्ड वेरीफिकेशन के लिए नए नियमों की घोषणा की है। ‌ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने सिम डीलर का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य कर दिया है।‌ इसके साथ ही अब थोक में कनेक्शन देने का प्रावधान भी बंद कर दिया गया है इससे 1 साल में साइबर फ्रॉड में कमी देखने को मिलेगी।


सिम कार्ड वेरीफिकेशन के नए नियम


1) नियमों के उल्लंघन पर 10 लाख तक का जुर्माना

सरकार की ओर से जारी किए गए नियमों के मुताबिक, सभी सिम कार्ड डीलरों को अनिवार्य रजिस्ट्रेशन, पुलिस और बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन कंप्लीट करना होगा। सिम कार्ड डीलरों का वेरिफिकेशन टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा किया जाएगा और इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

2) वेरिफिकेशन के लिए एक साल का समय

सरकार ने मौजूदा सिम डीलरों के लिए रजिस्ट्रेशन नॉर्म्स के कंम्पलायांस के लिए 12 महीने की अवधि की घोषणा की है। सिम कार्ड वेरिफिकेशन का मतलब सिस्टम से फर्जी विक्रेताओं की पहचान ब्लॉकलिस्टिंग में हेल्प करना है।

3) डेटा कलेक्शन

केवाईसी रिफॉर्म के तहत, नया सिम लेने या मौजूद नंबर पर नए सिम के लिए आवेदन करने की स्थिति में प्रिंटेड आधार के क्यूआर कोड को स्कैन करके ग्राहक का डेमोग्राफिक डेटा कलेक्ट किया जाएगा।

4) अब थोक में नहीं मिलेंगे सिम कार्ड

दूरसंचार विभाग ने बल्क कलेक्शन के प्रावधान को बंद कर दिया था और इसकी जगह पर बिजनेस कलेक्शन के नियम को लागू कर दिया था। अब बिजनेस केवाईसी वेरीफिकेशन के अलावा सिम का हैंडोवर लेने वाले व्यक्ति का भी केवाईसी किया जाएगा। बता दे, एक पहचान के आधार पर एक व्यक्ति अभी भी 9 सिम तक ले सकता है।

5) कनेक्शन कटने के कितने दिन बाद तक चलेगा सिम 

अब कनेक्शन कटने के 90 दिन के बाद में ग्राहक को मोबाइल नंबर दिया जा सकता है। यानी एक कंपनी से दूसरी कंपनी के पास जाने के मामले में ग्राहक को आउटगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधाओं पर 24 घंटे की छूट के साथ केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

6) बीते महीनों सरकार ने लांच किया था एएसटीआर सॉफ्टवेयर 

गौरतलब है कि सरकार ने चोरी या खोए हुए मोबाइलों की रिपोर्ट करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए संचार साथी पोर्टल और अवैध मोबाइल कनेक्शन की पहचान करने हेतु एआई आधारित सॉफ्टवेयर एएसटीआर को लांच किया था

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