केन्द्र की मोदी सरकार सामाजिक सुरक्षा के तहत आपके रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन में इजाफा कर सकती है. इसके साथ ही पेंशन के लिए तय आयु सीमा को भी बढ़ाने जा रही है. सरकार के इस फैसले से करोड़ों निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा मिलेगा.

असल में केन्द्र सरकार दो पहलुओं पर विचार कर रही है. पहला अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में अभी तक दी जाने वाली पेंशन को बढ़ाकर दस हजार करने की दिशा में ठोस फैसला करने जा रही है, साथ ही इसके लिए अभी तक 40 साल की आयु को बढ़ाकर 50 साल कर रही है. इससे सीधे तौर पर निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा मिलेगा. इस पेंशन को लिए जाने की आयु सीमा को बढ़ाकर 50 वर्ष करने सहित पीएफआरडीए के कुछ सुझावों पर गौर किया जा रहा है.

अटल पेंशन योजना को आकर्षक बनाने के लिए पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने वित्त मंत्रालय को आगे कदम उठाने को कहा है. इस योजना के तहत अब न्यूनतम पेंशन राशि को 5 हजार से बढ़ाकर दोगुना कर 10 हजार रुपये मासिक करने और योजना लेने की ऊपरी सीमा को मौजूदा 40 साल से बढ़ाकर 50 साल करने की दिशा में सरकार काम कर रही है. अभी तक करोड़ों लोगों ने इस पेंशन को लिया है. क्योंकि इसमें प्रीमियम काफी कम है और रिटायरमेंट की आयु को 60 साल किया गया है. केन्द्र सरकार ने इस योजना को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर शुरू किया है.

इस पेंशन योजना को कोई व्यक्ति ले सकता है या फिर कोई भी संस्थान अपने कर्मचारियों का आर्थिक सुरक्षा देने के लिए इस पेंशन को ले सकता है. केन्द्र सरकार का मानना है कि अब तक करीब 5 करोड़ लोगों ने मुद्रा लोन लिया है और अगर 18-40 साल तक के 20% लोग भी इस पेंशन योजना में आते हैं तो संख्या बहुत हो जाएगी. केन्द्र की मोदी सरकार ने 9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना की घोषणा की थी. यह खास तौर से असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए है और वर्तमान में देश में 85% कामगार असंगठित क्षेत्र में ही हैं.