नागपुर--राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के आतकंवादी प्रशिक्षण ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हवाई हमले पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि है।

जैश-ए-मोहम्मद ने ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी।

भागवत ने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के विचारों को याद किया कि भारत को शक्तिशाली बनने की जरूरत है, क्योंकि बिना शक्ति के कोई उसकी नहीं सुनेगा।

मोहन भागवत कम्प्यूटर वैज्ञानिक विजय भाटकर के सम्मान कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिन्हें स्वतंत्र्य वीर सावरकर गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा, "हमें सच बोलने के लिये शक्ति की आवश्यकता नहीं है, लेकिन दुनिया वैसी नहीं है। वह सिर्फ शक्ति को ही समझती है। इसलिये अगर हम दुनिया को अपना आध्यात्म, सत्य और अहिंसा दिखाना चाहते हैं तो हमें शस्त्र संपन्न और ‘शक्ति संपन्न’ बनने की आवश्यकता है।"

गौरतलब है कि पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 विमानों ने 26 फरवरी को तड़के 3:30 बजे पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों पर जमकर तबाही मचाई और महज 21 मिनट तक करीब 1000 किलो बम बरसाए। इसमें करीब 300 आतंकवादी मारे जाने की खबर है। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी अड्डे नष्ट हो गए।