नई दिल्ली। सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर में महज चार महीने में 64 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। वहीं सुरक्षा बलों को बुधवार को इस साल की बड़ी कामयाबी मिली जब उन्होंने हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ रियाज नाइकू को एक मुठभेड़ में मार गिराया। हालांकि सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौतियां उभर रही हैं। क्योंकि पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुट राज्य के अन्य जिलों में सिर उठा रहे हैं जहां पर आतंकी घटनाएं नहीं के बराबर हैं या फिर सुरक्षा बलों ने खत्म कर दी थी।

सुरक्षा बलों ने इस साल कई बड़े आतंकियों को मौत के घाट उतारा है और इसके कारण पाकिस्तान में इनके आकाओं के पेशानी पर बल पड़ गए हैं। सुरक्षा बलों नेजैश-ए-मोहम्मद के तीन शीर्ष आतंकी कमांडर कारी यासिर, अंसार गजवत उल हिंद (बुरह) के बुरहान कोका और हिजबुल मुजाहिदीन के रियाज नाइकू सहित कुल 64 आतंकियों को मार गिराया है। वहीं इस दौरान 25 सक्रिय आतंकियों और आतंकियों की मदद  करने वाले125 अधिक जमीनी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।

राज्य के आईजी विजय कुमार ने कहा कि बुधवार को हिजबुल मुजाहिदीन चीफ रियाज नाइकू की हत्या सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी है। सुरक्षा बल पिछले छह महीनों से उस पर नजर रखे हुए थे और उनके स्थान के बारे में जानकारी मिलने के बाद उसके  खिलाफ ऑपरेशन समाप्त हो गया है। नाइकू ने युवाओं को हर महीने या दो महीने के दौरान वीडियो जारी करके उग्रवाद में शामिल होने के लिए युवाओं को उकसाया करता था।

उन्होंने कहा किनाइकू की हत्या के बाद इस क्षेत्र में कुछ झड़पें और पथराव की घटनाएं देखी गईं। फिलहाल नाइकू की हत्या के बाद कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और स्थिति में सुधार के बाद ही इनसे प्रतिबंध उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों के शव उनके परिजनों को उनके मूल स्थानों पर दफनाने के लिए नहीं सौंपे जाएंगे।