राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही राज्य में सरकारी कर्मचारियों के वंदेमातरम गीत पर रोक लगा दी है। कमलनाथ सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में राजनीति शुरू हो गयी है और विपक्ष कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है। फिलहाल कमलनाथ सरकार राज्य में मीसा बंदियों के पेंशन को बंद करने की योजना बना रही है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार बने महज तीन हफ्ते ही हुए हैं और राज्य सरकार ने अपने चुनावी एजेंडे को लागू करना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए आज राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वंदेमातरम गीत गाने के फैसले पर रोक लगा दी है। राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए वंदे मातरम गीत गाने को अनिवार्य किया था। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के संघ के शाखाओं में जाने पर छूट दे रखी थी। लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही वंदेमातरम की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।

इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मीसाबंदियों के पेंशन पर रोक लगाने की तैयारी चल रही है। राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य में मीसा बंदियों के लिए पेंशन योजना शुरू की थी। ये पेंशन आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले लोगों का राज्य सरकार की तरफ से दी जाती है। अब कांग्रेस संगठन का सरकार पर इस पेंशन को बंद करने का दबाव है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों को आदेश दिया है कि वह जनता के कल्‍याण के कामों पर ध्‍यान दें। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है।

कमलनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि राज्‍य सचिवालय के बाहर हर महीने की पहली कामकाजी तारीख को वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा। लिहाजा हर महीने के पहले कामकाजी दिन में भोपाल स्थित मंत्रालय में होने वाला वंदे मातरम कार्यक्रम में आज एक जनवरी को इसे नहीं गाया गया। भाजपा का कहना है कि जिस वंदे मातरम को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई उससे कांग्रेस को परहेज है तो मानसिकता समझ लीजिये। जनेऊ पहन लेने की जनता को दिखाने की प्रवृत्ति साफ होती जा रही है। सूर्य नमस्कार को दुनिया अपना रही है और कांग्रेस सरकार पाबंदी लगा रही है।