लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से मुलायम सिंह यादव स्टार प्रचारक नहीं होंगे। सपा ने उन्हें स्टार प्रचारकों की लिस्ट से अलग रखा है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव पार्टी के स्टार प्रचारक थे। मुलायम का स्टार प्रचारकों की लिस्ट से नाम गायब हो जाने के राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ दिन पहले मुलायम ने मायावती के मैनपुरी में उनके लिए प्रचार करने पर नाराजगी जताई थी। 

लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने आज अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की। लेकिन इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये रही कि इस लिस्ट में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह का नाम गायब है। मुलायम सपा के टिकट पर मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ रह हैं। सपा मैनपुरी से अभी सपा के सांसद तेज प्रताप यादव हैं। लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर मुलायम सिंह को टिकट दिया। सपा ने आज जिन लोगों को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। उसमें अखिलेश यादव, डिंपल यादव, जया बच्चन, राम गोपाल यादव, राजेंद्र, चौधरी, आजम खान समेत 40 प्रचारकों का नाम शामिल है।

लेकिन इसमें मुलायम का नाम शामिल नहीं है। जबकि ऐसा कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मायवती मुलायम सिंह के लिए प्रचार करेंगी। मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सपा के उम्मीदवार हैं। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है। गौरतलब है कि सपा-बसपा के बीच करीब बाइस साल के बाद गठबंधन बन जाने के बाद अब मायावती सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए राजधानी लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हुआ था और मायावती इसके लिए मुलायम सिंह यादव को दोषी मानती हैं। उधर मुलायम सिंह और मायावती के बीच तल्ख रिश्ते बेहतर होते दिख रहे हैं।

राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच चुनाव गठबंधन हुआ है और दोनों दल अगले महीने नवरात्र से राज्य में चुनाव प्रचार शुरू करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि मायावती और अखिलेश यादव राज्य में 12 लोकसभा सीटों पर संयुक्त तौर पर प्रचार करेंगे और इसमें मैनपुरी की सीट भी फाइनल है। जहां से सपा संरक्षक और मायावती के कट्टर प्रतिद्वंदी रहे मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं। राजधानी लखनऊ में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि मायावती 19 अप्रैल को मुलायम के गढ़ मैनपुरी में प्रचार करेंगी और उनके लिए वोट मांगेगी। हालांकि बसपा की तरफ से इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की है।