नई दिल्ली--बिहार के बाहुबली नेता और और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के करीबी पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सिवान में दो भाईयों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। 

शहाबुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसे उम्रकैद की सजा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने शहाबुद्दीन के वकीलों से कहा कि इस दोहरे हत्याकांड के गवाह तीसरे भाई राजीव रोशन की कोर्ट में गवाही देने जाते समय हत्या क्यों की गई? इस हमले के पीछे कौन था। सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा। इस अपील में कुछ नहीं है।        
बता दें कि अगस्त में 2004 में सिवान में सतीश और गिरीश रोशन की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी। इस दोहरे हत्याकांड में 9 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने शहाबुद्दीन व अन्य को उम्रकैद की

सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ शहाबुद्दीन ने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी। 2017 में पटना हाईकोर्ट ने भी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत और हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखा है।

6 जून 2014 को इस मामले के चश्मदीद गवाह और दोनों मृतकों सतीश और गिरीश रोशन के भाई राजीव रोशन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।