मृतकों में एक साल की मासूम बच्ची भी है तो वहीं घर की बहू का शव पंखे से झूलता हुआ मिला है और उसके हाथ पर भी कट के निशान हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


पटौदी इलाके में आने वाले बृजपुरा गांव के इस मकान में पुलिस को दो महिला और एक पुरुष का शव मिला जबकि एक मासूम बच्ची घायलावस्था में पड़ी मिली जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। 25 वर्षीय मनीष गौड़ अपनी पत्नी पिंकी, अपनी मां फूलवती, और अपने दो बच्चे, एक साल की चारु और ढाई साल के अक्षय के साथ यहां के मकान में रहते थे। बुधवार शाम करीब 8 बजे जब इस घर मे दूध देने के लिए दूधिया आया तो उसने देखा कि घर के अंदर चारों ओर खून ही खून पड़ा हुआ है जिसके बाद सरपंच को सूचना दी गयी और सरपंच ने पुलिस को घटना की जानकारी दी ।


मनीष का बेटा अक्षय इस हत्याकांड में बच गया। गांव वाले दबी आवाज़ में बात कर रहे हैं कि अगर बच्चा स्कूल ना गया होता तो शायद वो भी इस दुनिया मे ना होता। मनीष का शव बैडरूम में बेड के ऊपर लहूलुहान हालत में मिला, मनीष के साथ ही उसकी बेटी चारु घायलावस्था में पड़ी थी। मनीष की मां फूलवती का शव बरामदे में पड़ा मिला जबकि मनीष की पत्नी पिंकी का शव अन्य कमरे में रस्सी के सहारे पंखे से झूलता हुआ मिला। पिंकी के शरीर पर भी चोट के निशान मिले हैं ।


जानकारी के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे साथ मे पूरी फ़ोर्स गांव में तैनात कर दी गयी ताकि गांव में माहौल तनावपूर्ण ना हो जाये। 


गौड़ परिवार को मौत के घाट किसने उतारा ये सवाल बना हुआ है। सवाल ये है कि जब सबकी हत्या की गई तो परिवार के लोगो की चीखें बाहर नही आई, क्या ये हत्याकांड को किसी एक शख्स ने अंजाम दिया है या फिर एक से ज़्यादा हत्यारे इस कांड में शामिल है? जांच इस बात की भी की जा रही है कि कहीं बहू पिंकी ने सभी की हत्या करके खुद फांसी तो नही लगा ली?