नई दिल्ली। पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा झटका लगा है। इस बार पाकिस्तान को मुस्लिम देशों की तरफ से झटका लगा है। क्योंकि पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों के संगठन में इस मामले को उठाने की कोशिश की लेकिन सऊदी अरब ने मुस्लिम देशों के बीच में इस मामले को उठाने पर आपत्ति जता  दी है। जिसके बाद पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। वहीं पिछले दिनों मलयेशिया में भी पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों की बैठक में इस मामले को उठाने की कोशिश कीथी। लेकिन वहां पर भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी।

असल में पाकिस्तान मुस्लिम देशों के संगठन के जरिए कश्मीर के मुद्दे को उठाने की नापाक  कोशिश कर चुका है। लेकिन हमेशा की तरह मुस्लिम  देशों ने माना है कि कश्मीर  भारत का मामला है और इसमें मुस्लिम देशों को किसी भी तरह हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वहीं पाकिस्तान अपने प्रोपेगेंडा के तहत इसे उठाने की कोशिश कर रहा है। आईओसी मुस्लिम देशों का संगठन है और इसके सदस्य 57 मुस्लिम देश हैं। इन देशों की 9 फरवरी को जेहाद में  बैठक होने वाली है। पाकिस्तान भी इस संगठन का संस्थापक देशों में है।

लिहाजा पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर चर्चा इस बैठक में कराने की साजिश की। लेकिन इस साजिश को सऊदी अरब ने पूरा नहीं होने दिया। लिहाजा पाकिस्तान को फिर से करारा झटका लगा है। हालांकि पाकिस्तान का कहना था कि मुस्लिमों के मसले पर इस मामले को आईओसी की बैठक में लिया जाना चाहिए। लेकिन मुस्लिम देशों को ये मंजूर नहीं है। असल में पाकिस्तान का कहना था कि कश्मीर पर मुस्लिम देशों को एकजुटता का संदेश देना चाहिए। लेकिन इस संगठन के सबसे ताकतवर देश सऊदी अरब ने इस बार साफ इंकार कर दिया है।

हालांकि इससे पहले मलयेशिया में भी मुस्लिम देशों की बैठक में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर को उठाने की कोशिश की थी। जिस पर सभी मुस्लिम देशों ने पर चुप्पी साध ली थी। अभी तक पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को कई जगहों पर उठा चुका है। लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि इससे पहले सऊदी अरब पाकिस्तान से साफ कह चुका है कि वह कश्मीर के नाम पर मुस्लिम देशों को बदनाम न करें। गौरतलब है कि सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन सऊद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काफी अच्छे रिश्ते हैं।