लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी से प्रत्याशी राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। अमेठी से कांग्रेस के करीबी और मुस्लिमों का चेहरा माने जाने वाले नेता ने कांग्रेस को झटका देते हुए राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अमेठी में करीब 6.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी से प्रत्याशी राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। अमेठी से कांग्रेस के करीबी और मुस्लिमों का चेहरा माने जाने वाले नेता ने कांग्रेस को झटका देते हुए राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अमेठी में करीब 6.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले हाजी हारून रशीद के पिता हाजी सुल्तान कभी लोकसभा चुनाव में राजीव और सोनिया के प्रस्तावक रहे हैं।
हारून के राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के फैसले के बाद इसे अमेठी में मुस्लिमों की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। अमेठी में राहुल गांधी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और वह यहां से तीन बार कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं। हारून के पिता हाजी सुल्तान जिले में कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं और वह गांधी परिवार खासतौर से राजीव गांधी और सोनिया गांधी के लोकसभा चुनाव के दौरान भरे जाने वाले पर्चे में प्रस्तावक रहे हैं। सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए सीट ये सीट 2004 में छोड़ दी थी और उसके बाद राहुल गांधी यहां से लगातार सांसद बन रहे हैं।
अमेठी में 6 मई को चुनाव होना है। हारून भी गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे। लेकिन वही अब राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस नेता हाजी सुल्तान 1991 के लोकसभा 1999 में सोनिया गांधी के नामांकन में प्रस्तावक थे। हारून खुद को हाशिये में डाले जाने से नाराज हैं। हारून का आरोप है कि अमेठी में उनका पूरा समुदाय हाशिये पर और उसे कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है। हारून का दावा है कि अमेठी में 6.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं और वह सभी कांग्रेस के खिलाफ वोट करेंगे। गौरतलब है कि अमेठी में राहुल गांधी को इस बार भाजपा की उम्मीदवार स्मृति ईरानी से कड़ी चुनौती मिल रही है।
ऐसा कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अब केरल से भी लोकसभा चुनाव लड़ेगे। पिछले लोकसभा चुनाव में ईरानी से राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी और राहुल गांधी और ईरानी के बीच जीत का अंतर काफी कम था। हारून का कहना है कि राहुल गांधी राजीव गांधी के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में असमर्थ रहे हैं जबकि अमेठी आजादी के बाद चार दशकों तक गांधी परिवार की सीट रही है और वह यहां से जीते हैं।
Last Updated Mar 26, 2019, 9:30 AM IST