पश्चिम बंगाल की टीएमसी सांसद नुसरत जहां के बाद राज्य में मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर वहां की भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता इशरत जहां आ गयी है। इशरत का गुनाह सिर्फ इतना है कि वह हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ में शामिल हो गयी थी। इसके बाद नाराज मकान मालिक मनाजीर हुसैन ने इशरत को घर छोड़ने का आदेश दिया। यही नहीं कल ही  उसके घर के बाहर सैकड़ों लोगों ने उसे मोहल्ले से चले जाने की धमकी दी है। जिसके बाद उसका मुहल्ले में निकलना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन राज्य की पुलिस उसकी मदद करने से कतरा रही है।

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता इशरत जहां आजकल कट्टरपंथी मुस्लिमों के निशाने पर है। इशरत को मकान मालिक ने मकान छोड़ने का आदेश दे दिया है और मुहल्ले में उनका निकलना भी मुश्किल हो गया है। लोग उसे धमकी दे रहे हैं। जिसके बाद उसने पुलिस से गुहार लगाई है। लेकिन राज्य की पुलिस उसकी नहीं सुन रही है। इसके कारण इशरत काफी डरी हुई हैं।

असल में इशरत जहां जहां हावड़ा के डबसन रोड स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ में शामिल हुई थीं। वहीं राज्य में इशरत जहां तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं और कट्टरपंथियों के खिलाफ है। हनुमान चालीसा के बाद अब वह सीधे तौर पर कट्टरपंथियों ने निशाने पर आ गयी है।  इशरत के हनुमान चालीसा पाठ में शामिल होने का कारण उसका मकान मालिक नाराज हो गया और उसने उससे घर खाली करना का आदेश दे दिया है।

उसे मोहल्ले में कोई मकान किराये पर नहीं दे रहा है। यही नहीं मोहल्ले के कट्टरपंथी उसे धमकी भी दे रहे हैं। लिहाजा उसने पुलिस-प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। हालांकि उसे वहां से भी कोई मदद नहीं मिली है। कट्टरपंथी मुस्लिम उसके हनुमान चालीसा में शामिल होने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि वह हिजाब पहनकर क्यों मंदिर में गयी और वह धर्म को बदनाम कर रही है।

इशरत जहां का कहना है कि बुधवार दोपहर अचानक सैकड़ों लोग घर के बाहर एकत्रित होकर उसे कहीं और जाने की धमकी देने लगे। जिससे वह डर गयी है। हालांकि इस मामले में उसकी मदद पुलिस भी नहीं कर रही है। इशरत जहां को उनके शौहर ने तीन तलाक़ दे दिया था और वो तब से इस कुप्रथा के खिलाफ राज्य में लड़ाई लड़ रही हैं। हालांकि मुस्लिम कट्टरपंथी उसका पहले से ही विरोध कर रहे थे और उस पर तरह तरह के आरोप लगा रहे थे। लेकिन हनुमान चालीसा के बाद उसका मोहल्ले में रहना दुभर हो गया है।