नई दिल्ली।  बिहार में आगामी विधानसभा के लिए चुनावों की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य में राजद की अगुवाई वाला विपक्षी दलों का महागठबंधन राज्य के छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा। वहीं भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए ने ऐलान किया है कि राज्य में जदयू की अगुवाई में चुनाव लड़ा जाएगा और इसमें लोजपा और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। वहीं राज्य में लोजपा ने 42 सीटों पर दावा किया है।  जिसके कारण भाजपा और जदयू की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

फिलहाल चिराग पासवान वाली लोजपा ने एनडीए में 42 सीटों पर दावा किया है और पिछले दिनों लोजपा ने संकेत  दिए थे कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिली हैं तो पार्टी अकेले चुनाव लड़  सकती है। वहीं एनडीए में महागठबंधन के सहयोगी हम शामिल होने जा रही है। वही लोजपा की दावेदारी से एनडीए में हलचल बढ़ गई है। लोजपा के दावेदारी करने के बाद एनडीए के भीतर गहमागहमी बढ़ गई है। लोजपा  कहना है कि जितनी सीटों पर पार्टी ने 2015 में चुनाव लड़ा था उतने ही सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ने की तैयारी में है और हम उन सीटों पर ही दावा कर रहे हैं।

लोजपा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में लोजपा और भाजपा ने सौ फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि जदयू एक सीट  पर हारी थी। लिहाजा लोकसभा के आधार पर सीटों का बंटवारा होना चाहिए और इस आधार पर लोजपा को 42, भाजपा को 105 और जेडीयू को 96 सीटें मिलनी चाहिए। असल में राज्य में लोजपा और जदयू के बीच कई दिनों से तकरार चल रही है और लोजपा राज्य सरकार के खिलाफ कई बार बयान दे चुकी है। वहीं अभी  तक सीटों  के बंटवारे पर भाजपा और जदयू की बैठक में लोजपा को  नहीं बुलाया गया है। क्योंकि जदयू का कहना है कि भाजपा अपने कोटे से लोजपा को सीटें  दें।

लोजपा और जदूय सामने सामने 

राज्य में लोजपा और जदयू के बीच काफी लम्बे समय से तलवारें खिची हुई हैं और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। कोरोना को लेकर तो चिराग ने नीतीश सरकार को जमकर घेरा था। हालांकि  बाद में भाजपा के दखल के बाद लोजपा ने नीतीश कुमार सरकार पर हमले कम किए थे। लेकिन विधानसभा सीटों को लेकर दावेदारी ठोककर लोजपा ने एनडीए में नया विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि लोजपा के विकल्प के तौर पर एनडीए में जीतन राम मांझी की अगुवाई पार्टी भी  शामिल हो रही है।  जिसको लेकर लोजपा चिढ़ी हुई है।