नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अगले महीने अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं। नई टीम में नए चेहरों को टीम में जगह मिल सकती है। वहीं माना जा रहा है कि बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव के देखते हुए इन राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है। वहीं टीम में समाज के सभी वर्गों और सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व मिलेगा।

भाजपा अध्यक्ष नियुक्त होने के चार महीने के बाद भी जेपी नड्डा अपनी नई टीम का गठन नहींट कर सके हैं। हालांकि देश पिछले दो महीने से कोरोना संकट से लड़ रहा है। माना जा रहा है कि नड्डा के इस महीने के अंत तक या जून की शुरुआत तक उनकी टीम का गठन करेंगे।  दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद नड्डा टीम का गठन बिहार और पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनावों को देखकर करेंगे। कहा जा रहा है कि नड्डा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ परामर्श करके टीम बनाने की कवायद शुरू कर दी है। नड्डा इस साल जनवरी में भाजपा अध्यक्ष बने थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नड्डा इस महीने के अंत तक या जून के पहले सप्ताह तक अपनी नई टीम की घोषणा करेंगे।  उनकी नई टीम में नए चेहरे हो सकते हैं  और समाज के सभी वर्गों और सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व को दिया जाएगा। लेकिन इस टीम में अमित शाह की छवि  जरूर होगी। अमित शाह के नेतृत्व में ही पार्टी दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है।

वहीं पहली बार शाह महासचिव थे और उन्होंने उत्तर प्रदेश में पार्टी को 80 में से 73 सीटें दिलाई थी। अब यही करिश्मा पार्टी नड्डा से बिहार और पश्चिम बंगाल में कर रही है।  बंगाल में भाजपा मजबूत हुई है और तमाम चुनौतियों के बावजूद पार्टी लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतने में कामयाब रही है। बताया जा रहा है कि नड्डा ने अपनी नई टीम के लिए युवाओं और महिलाओं और नए चेहरों का चयन करने पर जोर दिया है और इसके लिए राज्यों से सूची मांगी है।

ये भी कहा जा रहा है कि नड्डा की टीम में भूपेंद्र यादव बिहार के चुनाव प्रभारी रहेंगे और कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। वहीं नड्डा अपनी नई टीम में राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से युवा नेताओं को मौका देंगे। नड्डा अपनी पूरी टीम में सचिवों, महासचिवों, उपाध्यक्षों और मीडिया प्रभारियों की घोषणा कर सकते हैं। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन के बाद संसदीय बोर्ड में कई सीटें खाली हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संसदीय बोर्ड में प्रवेश मिल सकता है।