नई दिल्ली। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने देश में इस्लामोफोबिया का आरोप लगाने वालों को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की से मोदो फोबिया गैंग सक्रिय हो गया है और वह आरोप लगाकर देश को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम विकास में एक समान भागीदार हैं।

 उन्होंने कहा कि जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार आई है एक गैंग सक्रिय हो गया है और इनका मोदी फोबिया क्लब है जो देश झूठे आरोप लगा कर देश को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कभी भी धर्म क्षेत्र और जाति के आधार पर विकास की योजना नहीं बनाई।  उन्होंने कहा कि मोदी शासन के पिछले पांच सालों में एक भी दंगा नहीं हुआ है और हाल में हाल ही में दिल्ली दंगों के लिए शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन जिम्मेदार हैं।

मोदी सरकार के दौरान देश में समाज के किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव की एक भी घटना नहीं हुई है। जिसके कारण  देश विरोधी गैंग एकत्रित होकर इस्लामोफोबिया के आरोप लगा रहे हैं और विदेशों में खासतौर से मुस्लिम देशों में भारत की छवि खराब रहे हैं। देश में मोदी सरकार में हो रहे समावेशी विकास को ‘मोदी फोबिया क्लब’ हजम नहीं कर पा रहा है। नकवी ने ‘इस्लामोफोबिया-बोगस बैशिंग ब्रिगेड की बोगी’नाम से लेख लिखा है।

जिसमें मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाओं और उनसे अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को हो रहे लाभ के बारे में विस्तार से बताया है। नकवी ने लिखा है कि बौखलाए और बदहवास पेशेवर 'मोदी फोबिया क्लब' ने 'इस्लामोफोबिया' कार्ड के जरिये झूठे, मनगढंत तर्कों के जरिए देश की छवि को खराब करने की साजिश की है।  

जबकि सच्चाई इससे परे हैं। पीएम मोदी सरकार के दौरान ही इस्लामी देशों से दोस्ताना संबंध बने हैं और ये गैंग हिंदुस्तान की 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया' के संकल्प को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। पिछले कुछ समय के दौरान सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान और कई अन्य देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजा है। जिसको लेकर गैंग को परेशानी है। कोरोना के कहर के बीच मोदी सरकार वुहान, ईरान, ईराक, सऊदी अरब आदि से बड़ी संख्या में भारतीयों को वापस देश लाए. इनमें अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे