नई दिल्ली: सत्ता पक्ष इन दिनों जबरदस्त तरीके से नरेन्द्र मोदी के दोबारा शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मेहमानों की लिस्ट तैयार की जा रही है। मेल मुलाकातों का दौर चल रहा है। इसके अलावा पीएम अपनी माताजी से मुलाकात करने वाले हैं। आपको एक एक करके बताते हैं इन गतिविधियों के विषय में

पीएम मोदी चुने गए एनडीए के नेता
लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के बाद संसद के सेन्ट्रल हॉल में एनडीए गठबंधन के विजेता सांसदों की बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी को दोबारा सर्वसम्मति से गठबंधन का नेता चुन लिया गया है। एनडीए के कुल 353 सांसद चुनकर इस बार संसद में आए हैं। सभी ने एक स्वर में पीएम मोदी को अपना नेता चुन लिया है। एनडीए संसदीय दल के सबसे वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रस्ताव किया जिसका सभी ने समर्थन किया। जिसके बाद पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर सबका अभिवादन किया। 

इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी गठबंधन सहयोगियों और सांसदों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने पीएम मोदी को फिर से अपना नेता चुना।

खबर है कि शनिवार को ही देर रात पीएम मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश कर देंगे। 

नरेन्द्र मोदी अभी नहीं हैं प्रधानमंत्री दे चुके हैं इस्तीफा 
शनिवार की इन सभी गतिविधियों से पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार की शाम राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले शु्क्रवार की शाम को ही कैबिनेट की बैठक बुलाकर लोकसभा भंग करने की सिफारिश कर दी गई थी। 

30 मई को हो सकता है मोदी का शपथग्रहण
अभी तक मिली खबरों के मुताबिक पीएम मोदी 30 मई को शपथ ग्रहण कर सकते हैं। यह पीएम मोदी का दूसरी बार शपथग्रहण होता है। लेकिन इसके पहले पीएम मोदी गांधीनगर जाएंगे। जहां वह अपनी माताजी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी अहमदाबाद के खानपुर इलाके के उस बीजेपी दफ्तर का दौरा करेंगे। जहां उन्होंने आठ साल बिताए थे। 
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शपथग्रहण में शामिल हो सकते हैं दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता 
पीएम मोदी का शपथग्रहण का कार्यक्रम पिछली बार से ज्यादा भव्य हो सकता है। पिछली बार के शपथग्रहण में पाकिस्तान सहित सभी दक्षेस(सार्क) देशों के शासनाध्यक्षों को बुलाया गया था। लेकिन इस बार दुनिया के सबसे शक्तिशाली(पी-5) देशों यानी अमेरिका, रुस,चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के शासनाध्यक्षों को निमंत्रण भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही इस्लामिक सहयोग संगठन(ओआईसी) देशों को भी निमंत्रण भेजा जा सकता है।