प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शपथग्रहण के लिए बिम्सटेक देशों के प्रमुखों को न्योता भेजा गया है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था। तो क्या है बिम्सटेक। BIMSTEC यानी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन। आसान शब्दों में कहें तो यह एक तरह से बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती या सटे देशों का एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोगी संगठन है। इसमें बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल जैसे 7 देश शामिल हैं।

7 बिंदुओं में बिम्सटेक की खास बातेंः 

1. बिम्सटेक देशों की कुल आबादी 1.5 बिलियन है। यानी यह दुनिया की कुल आबादी का 21% है। इन देशों की संयुक्त जीडीपी 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। 

2. बिम्सटेक सात देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। यह 6 जून, 1997 को बैंकाक घोषणापत्र के साथ अस्तित्व में आया। इसमें वही देश शामिल हैं, जो बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती या सटे हैं। 

3. बिम्सटेक का उद्देश्य क्षेत्रीय विकास को आपसी सहयोग के जरिये बढ़ाकर वैश्विक बाजार के प्रभाव को कम करना है। इसके लिए क्षेत्रीय स्रोतों और भौगोलिक लाभ का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। 

4. दूसरे क्षेत्रीय संगठनों से इतर बिम्सटेक एक क्षेत्रीय सहयोगी संगठन है। इसमें छह क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है। इनमें व्यापार, तकनीक, ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और फिशरीज शामिल हैं।

5. बिम्सटेक ने अपने लिए 14 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है। ये क्षेत्र हैं - व्यापार एवं निवेश, परिवहन एवं संचार, ऊर्जा, टूरिज्म, तकनीक, फिशरीज, एग्रीकल्चर, जन स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद एवं सीमापार अपराध रोधी उपाय, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, जन संपर्क और सांस्कृतिक सहयोग। साल 2008 में 14वें प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तौर पर जलवायु परिवर्तन को शामिल किया गया है।

6. प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से सदस्य देश यह चुनाव करते हैं कि वह कौन से क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहता है। भारत परिवहन एवं संचार, टूरिज्म, पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन और आतंकवाद एवं सीमापार अपराध रोधी उपायों के क्षेत्र में अग्रिम भूमिका निभा रहा है। 

7. अभी तक बिम्सटेक ने एक आपदा प्रबंधन अभ्यास और एक संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। साल 2017 में सभी देशों ने आपदा प्रबंधन अभ्यास में हिस्सा लिया था। वहीं संयुक्त युद्धाभ्यास में थाईलैंड और नेपाल को छोड़कर सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। इन देशों ने संयुक्त युद्धाभ्यास में अपने पर्यवेक्षकों का समूह भेजा था। बिम्सटेक का स्थायी सचिवालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में है।