प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश की बागडोर संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर 8 जून को मालदीव पहुंचेंगे। इस यात्रा को भारत के पड़ोसी देशों के महत्व और 'नेबरहुड फर्स्ट' की नीति से जोड़कर देखा जा रहा है। पीएम मोदी मालदीव की संसद को भी संबोधित करेंगे। पिछले आठ वर्षों में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री द्विपक्षीय वार्ता के लिए मालदीव जा रहा है। हालांकि मोदी इससे पहले नवंबर 2018 में मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम मोहम्मद सालेह के शपथग्रहण में भी पहुंचे थे। 

इस दौरान मालदीव विदेशी नेताओं को दिए जाने वाले अपने सर्वोच्च सम्मान 'द मोस्ट आनरेबल ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंगुइश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुदीन' से पीएम मोदी को नवाजेगा। इसकी जानकारी देते हुए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि राष्ट्रपति ने पीएम नरेंद्र मोदी को उनके मालदीव दौरे में विदेशी मेहमानों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान  'द मोस्ट आनरेबल ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंगुइश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुदीन' देने की घोषणा की है।  

पीएम मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान उसके विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इनमें मालदीव की विकास परियोजनाओं को वित्तीय मदद देना, जल परियोजनाओं के लिए कर्ज मुहैया कराना जैसे अहम समझौते शामिल हैं। पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति संयुक्त रूप से दो रक्षा संबंधी परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इसमें तटीय निगरानी रडार सिस्टम और मालदीव के सुरक्षा बलों के लिए संयुक्त अभ्यास केंद्र का उद्घाटन शामिल है।