नई दिल्ली।

महाशिवरात्रि पर आज पूरे देश के शिवालयों पर भक्तों की कतार लगी है। हर कोई अपने भोले बाबा को खुश करने के लिए विधि विधान से पूजा कर रहा है।  आज सुबह से ही महाआरती के बाद मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खुल दिए गए हैं। आज की महा शिवरात्रि खास है क्योंकि स्वामी चंद्र और  बाबा सोमनाथ का दुर्लभ संयोग बना है।

आज दोपहर 4 बजकर 29 मिनट से चतुर्दशी तिथि है जबकि ये मंगलवार शाम 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। चतुर्दशी तिथि के योग में 4 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व पर सोमवार को कुम्भ मेले में एक बार फिर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। प्रयागराज में आज काफी भीड़ है और वहां के शिव मंदिर भक्तों की भीड़ से पटे हुए हैं। भगवान शिव के तांडव की रात्रि महाशिवरात्रि इस बार महासंयोग के साथ सोमवार 4 मार्च को है। महाशिवरात्रि सोमवार को होने के कारण इसका महत्व अब और बढ़ गया है।

महाशिवरात्रि को भगवान शंकर की आराधना, उपासना और उनका ध्यान करने उनकी विशेष कृपा पाई जा सकती है। महाशिवरात्रि का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है और इस दिन भक्त अपने आराध्य शंकर जी और मां पार्वती के विवाह की खुशियां मनाते हैं। कहा जाता है कि आज भोले भंडारी का जाप उनके पाप धुल जाते हैं। शिवभक्त आज मंदिरों में जाकर भोले बाबा का रुद्राभिषेक कर रहे हैं। भगवान शिव को खुश करने के लिए बेल पत्र, सफेद फूल, भांग धतूरा अर्पित किया जाता है। शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव के साथ 3 अंक का अद्भुत संयोग है। जैसे उनका अस्त्र त्रिशूल, उनके माथे पर तीसरी आंख और मस्तक पर लगा त्रिपुंड भी तीन रेखाओं वाला होता है।

कहा जाता है कि गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने पर संपन्नता आती है जबकि कुशोदक से शिवलिंग का अभिषेक करने से निरोगी शरीर की प्राप्ति होती है, साथ ही सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। वहीं गाय के घी से महादेव का अभिषेक करने पर धन प्राप्ति होती है। अगर आप किसी खास उद्देश्य को पूरा करना चाहते हैं तो पवित्र नदियों के जल से रुद्राभिषेक करें। ऐसा माना जाता है कि गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने पर कार्य में आने वाली बाधाएं समाप्त होने के साथ वैभव और संपन्नता में वृद्धि होती है।