पड़ोसी देश यानी पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख को नवजोत सिंह सिद्धू का गले लगाना का मामला आजकल गर्माया हुआ है, जिसके बाद अब खुद नवजोत सिद्धू ने पाकिस्तान से आते ही अपना बचाव करते हुए कहा...
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद पर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित रहे पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि नवजोत सिद्धू ने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देश के सैन्य प्रमुख को गले लगाया था जिसके बाद से ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी पर निशाना साधते हुए उनके कृत्य को 'गलत' बताया, जबकि भाजपा समेत विपक्षी दलों ने भी सिद्धू की आलोचना की।
इस बीच, जब सिद्धू पाकिस्तान से लौटे तो 'पगड़ी संभाल जट्टा' नाम के एक संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने उस समय सीमा के नजदीक प्रदर्शन किया और कार्यकर्ताओं ने सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की और साथ ही उन्हें काले झंडे भी दिखाए।
अब जब सिद्धू भारत लौट आए हैं तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा, ”अगर कोई मेरे पास आता है और कहता है कि हमारी संस्कृति एक है और हम पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का मार्ग खोलेंगे तो मैं क्या कर सकता था”?
बता दें पाकिस्तान में क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान के न्यौते पर शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गए नवजोत सिंह सिद्धू एक अकेले भारतीय थे।
शपथ ग्रहण समारोह में वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रमुख मसूद खान के बगल वाली सीट पर बैठे थे। जब सिद्धू से कश्मीर के प्रमुख मसूद के बगल में बैठने के मुद्दे पर सवाल किया गया तो सिद्धू ने कहा,” 'अगर आपको कहीं सम्मान स्वरूप अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है तो आप वहीं बैठते हो जहां आपको कहा जाता है. मैं कहीं और बैठ सकता था, लेकिन उन्होंने मुझे वहां बैठने के लिए कहा”।
Last Updated Sep 9, 2018, 12:46 AM IST