पंजाब में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच चली आ रही तनातनी में नया मोड़ आ गया है। सिद्धू ने कैप्टन कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन सिद्धू ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री के बजाए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है। लिहाजा अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके इस्तीफे की पुष्टि नहीं की है। नियमों के मुताबिक किसी भी मंत्री को पद छोड़ने पर अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को देना होता है और मुख्यमंत्री उसके अनुमोदन के लिए राज्यपाल को प्रेषित करता है। 

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह ऊर्जा विभाग के मंत्री के पद थे। एक महीने पहले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें उनके पूर्व के विभाग नगर विकास मंत्री पद से हटा दिया था। जिसके बाद सिद्धू कैप्टन से नाराज चल रहे थे और उन्होंने अपने नए ऊर्जा विभाग का दायित्व भी नहीं लिया था।

हालांकि विभाग बदले जाने के बाद सिद्धू ने आलाकमान से मुलाकात की थी। लेकिन उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिला। इसी बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद सिद्धू और कैप्टन के बीच चली आ रही तनातनी और तेज हो गयी है। 

फिलहाल चंडीगढ़ वापस लौटने के बाद सिद्धू ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी कि उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि सिद्धू का इस्तीफा देना भी विवादों में है। क्योंकि कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा उन्हें मुख्यमंत्री को सौंपना चाहिए। लेकिन उन्होंने इसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है। जिसे सिद्धू का स्टंट समझा जा रहा है।

फिलहाल सिद्धू ने इस्तीफा 10 जून को ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा था। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए सिद्धू अपने विभाग को बदले जाने से नाराज थे और उन्होंने पिछले एक महीने से उसे ज्वाइन भी नहीं किया था। कैप्टन ने सिद्धू से शहरी निकाय के साथ पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग वापस ले लिया था और उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग दिया था। जिसके बाद वह नाराज चल रहे थे। हालांकि सिद्धू के अपने विभाग का दायित्व न संभालने को लेकर बीजेपी ने सिद्धू पर निशाना साधा और राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी।