"जो अभाव में होता है, जिसका अधिकार छीना जाता है, जिनके हुकूक छीने जाते हैं, जिन्हें अधिकारी नहीं मिलता, ऐसा ऊपर वाले लोग करते हैं। ऐसे में वंचित लोग बंदूक उठाने पर मजबूर होते हैं। आतंकवादी और नक्सली हरकतें अधिकारों के लिए होती हैं।"
वोट की राजनीति नेताओं से तरह-तरह के बयान दिलवाती है। वोट के लिए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की हिमायत पहले भी कर चुके हैं। नया मामला है छत्तीसगढ़ के रायपुर से। यहां कांग्रेस के नेता राज बब्बर ने नक्सलियों को क्रांतिकारी कहा है।
#WATCH Goliyon se faisle hal nahi hote.Unke sawaal ko address karna padega, aur unko darra kar, ya lalach dekar kranti ke jo log nikle huye hain unhe rok nahi sakte hain. Na idhar ki bandook se hal niklega na udhar ki, baatcheet se hal niklega:Raj Babbar in Raipur (3.11) pic.twitter.com/7A2VeA3hzk
— ANI (@ANI) November 4, 2018
राज बब्बर कांग्रेस के प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में थे, जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान नक्सलियों को 'क्रांति के लिए निकले लोग' बताया है। राज बब्बर ने कहा कि क्रांति के निकले लोगों के लिए गोलियों से फैसले नहीं होते हैं।
अन्य प्रवक्ताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद राज बब्बर ने कहा कि "क्रांति के लिए निकले लोगों को गोलियों से नहीं रोक सकते हैं। बंदूकों से फैसले नहीं होते हैं। उनके सवालों का जवाब देना होगा। डराकर, धमकाकर या लालच देकर क्रांति के लिए निकले लोगों को रोका नहीं जा सकता है। मैंने अपनी यह राय पार्टी को दे दी है।"
राज बब्बर ने आगे कहा कि"जो अभाव में होता है, जिसका अधिकार छीना जाता है, जिनके हुकूक छीने जाते हैं, जिन्हें अधिकारी नहीं मिलता, ऐसा ऊपर वाले लोग करते हैं। ऐसे में वंचित लोग बंदूक उठाने पर मजबूर होते हैं। आतंकवादी और नक्सली हरकतें अधिकारों के लिए होती हैं। हमें इन लोगों के साथ बैठना होगा, बात करनी होगी।"
हालांकि राज बब्बर ने आगे कहा कि "बंदूक से बात नहीं बनती। समाधान के लिए दोनों पक्षों को बात करनी पड़ेगी।"
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोटिंग होनी है। अति संवेदनशील इलाकों में 12 नवंबर को वोटिंग होनी है जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी। वोटिंग से ठीक पहले कांग्रेसी नेता ने यह बयान दिया है।
राज बब्बर ने उन नक्सलियों से सहानुभूति दिखाई है, जिन्होंने कायराना हरकत कर दंतेवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों और एक पत्रकार की हत्या कर दी है। नक्सली वारदात को 30 अक्टूबर को अंजाम दिया गया। यही नहीं इस हमले के बाद उन्होंने पत्रकारों को सुरक्षाबलों के साथ ना घूमने की धमकी भी दी थी।
Last Updated Nov 15, 2018, 5:52 PM IST