नई दिल्ली: प्रफुल्ल पटेल से बिचौलिया दीपक तलवार से हुई विशेष डील मामले में पूछताछ की जाएगी। 

 मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया था कि कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार पूर्व नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के नियमित संपर्क में था। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया था कि दीपक तलवार विदेशी निजी एयरलाइंस के पक्ष में बातचीत करने के लिए बिचौलिये के रूप में कार्य करने के दौरान पटेल के नियमित संपर्क में था, जिससे एयर इंडिया को नुकसान हुआ था। 

ईडी ने गिरफ्तार किए जा चुके तलवार के खिलाफ दायर अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि उसने कथित तौर पर अमीरात और एयर अरबिया की ओर से पटेल के साथ कि जाने वाली बातचीत को अंतिम रूप दिलाया। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया था कि दीपक तलवार और प्रफुल्ल पटेल के बीच ईमेल वार्तालाप सहित कई सबूत मौजूद है। 

आरोप पत्र के मुताबिक जांच में खुलासा हुआ है कि दीपक तलवार ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर निजी एयर लाइंस के लिए अनुचित समर्थन हासिल किया। दीपक पर आपराधिक साजिश रचने, जालसाजी और विदेशी चंदा विनियमन कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए है। उस पर आरोप है कि उसके एनजीओ को एम्बुलेंस और सामान खरीदने के लिए यूरोप की एक प्रमुख मिसाइल निर्माता कंपनी से मिले 90.72 करोड़ रुपये के विदेशी कोष का उपयोग अन्य कामों के लिए किया।

उधर इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने किरण राव पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। ईडी ने अदालत में कहा कि किरण राव ब्रिटिश नागरिक हैं और लेटर का जवाब नहीं दे रही है। वह इस घोटाले में एक अहम गवाह है लेकिन जांच में शामिल नही हो रही हैं। 

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कानूनों की लिखित जानकारी देने का आदेश दिया था। ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एयरबस के एक सीनियर अधिकारी सहित सात लोगों को नोटिस भेजा है। 

फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कंपनी में एग्जिक्युटिव वाइस प्रेसिडेंट किरण राव पर साल 2005 में इंडियन एयरलाइंस को 43 एयरक्राफ्ट की सप्लाई में 8000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। सीबीआई ने साल 2013 में इस डील में कथित गड़बड़ी की जांच शुरू की थी। उसने इंडियन एयरलाइंस के सात अधिकारियों से पूछताछ भी की थी। बाद में इंडियन एयरलाइंस के एयर इंडिया में मर्जर हो गया था। 

इस केस में एयरबस इंडिया की तत्कालीन प्रेसिडेंट किरण राव को भी अभियुक्त बनाया गया था। साल 2014 में सीबीआई ने लंदन जाकर उनसे पूछताछ भी की थी। 

हालांकि उसके बाद से यह केस सुर्खियों में नही आया था। सीबीआई ने पहले राव पर घूस लेने या मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप नही लगाए थे। यह पहली बार है जब ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नोटिस भेजा है।