जम्मू-कश्मीर में विवादित अनुच्छेद 35ए को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। अक्टूबर में होने वाले पंचायत और निकाय चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस हिस्सा नहीं लेगी। पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को श्रीनगर में इसका ऐलान किया। मीडिया को संबोधित करते हुए फारूक ने कहा, पार्टी इस साल के अंत में होने वाले पंचायत और निकाय चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी क्योंकि घाटी में हालात इसके लिए अनुकूल नहीं हैं। केंद्र सरकार का अनुच्छेद 35ए को लेकर रुख साफ नहीं है। पार्टी के सभी विधायकों ने मिलकर कोर ग्रुप की मीटिंग में यह फैसला लिया है। 

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए से किसी भी तरह की छेड़छाड़ घाटी के लिए विनाशकारी सिद्ध होगी। फारूक ने कहा, 'हमारी पार्टी तब तक इन चुनावों में भाग नहीं लेगी जब तक भारत और राज्य सरकार 35ए पर अपना रुख साफ नहीं कर देती और अनुच्छेद 35 A को सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित रखने के लिए कदम नहीं उठा लेती।' जम्मू-कश्मीर में पिछले हफ्ते ही शहरी निकाय और पंचायत चुनावों का ऐलान हुआ। शहरी निकायों के लिए अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव होंगे। पंचायतों के चुनाव इस साल नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित हैं। फारूक का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में 35 ए पर केंद्र का रुख जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख प्रवक्ता रूहुल्लाह मेहदी ने ट्विटर के माध्यम से इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी आने वाले पंचायत और निकाय चुनावों का बहिष्कार करेगी।