नई दिल्ली। राज्यसभा में नए सांसदों की शपथ के साथ ही भाजपा का दबदबा सदन में बढ़ गया है। वहीं सोनिया गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी उच्च सदन में भी कमजोर हो गई है। हालांकि लोकसभा में कांग्रेस पहले से ही कमजोर है। लेकिन अब राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या कम हो गई है।


बुधवार को उच्च सदन में नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद समीकरण बदल गया है। क्योंकि उच्च सदन में कांग्रेस और कमजोर हुई है तो भाजपा और ज्यादा मजबूत हो गई है। सदस्यों की संख्या के आधार पर देखें तो राज्यसभा में अब कांग्रेस के सदस्यों की संख्या भाजपा की तुलना में आधी रह गई है। वहीं राजग ने अपने कदमों को 100 का आंकड़ा पार कर बहुमत की तरफ बढ़ा दिए हैं। उच्च सदन में राजग बहुमत से महज 22 सीट दूर है। जबकि सोनिया गांधी की अगुवाई वाले यूपीए के सदस्यों की संख्या 60 के ही करीब है। 

भाजपा 85 सदस्य राज्यसभा में

उच्च सदन में 245 सदस्य हैं और बहुमत के लिए 123 की जरूरत होती है और अब द्विवार्षिक चुनाव के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 85 सांसदों हो गई है। वहीं राजग के सांसदों की संख्या 102 तक पहुंच गई है। लिहाजा अब उच्च सदन में राजग को बहुमत के लिए महज 22 अतिरिक्त वोटों की जरूरत होगी। जो वह अन्य सहयोगी दलों के जरिए जुटाती है। वहीं भाजपा को उच्च सदन में बीजू जनता दल, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिला है। ये दल कांग्रेस के विरोधी है और अपने मुद्दों के आधार पर केन्द्र सरकार को समर्थन देते रहते हैं। 

कांग्रेस के उच्च सदन में 40 सदस्य

लोकसभा की तरह कांग्रेस पार्टी राज्यसभा में भी कमजोर हो गई है। उच्च सदन में उसके केवल 40 सांसद उच्च सदन में रह गए हैं। वहीं संप्रग के सदस्यों की संख्या 65 रह गई है।