असल में नीरज शेखर बलिया से टिकट चाहते थे। लेकिन सपा का बसपा के साथ गबंधन होने के बाद ये सीट बसपा के खाते में गयी। हालांकि इस सीट के लिए अखिलेश यादव ने मायावती से बातचीत की। लेकिन मायावती ने इस सीट को देने से मना कर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। शेखर ने कल ही शाम को राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। असल में कुछ समय से समाजवादी के पार्टी के अखिलेश यादव और नीरज शेखर के बीच खराब चल रहे थे।
नीरज शेखर ने रात में ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र भी मौजूद थे। हालांकि इस बैठक में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसका खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि नीरज शेखर आज भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि ये सपा के ले बड़ा झटका माना जा रहा है। नीरज शेखर बलिया से सपा के लोकसभा के सांसद भी रह चुके हैं और एक साल पहले सपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था। नीरज 2014 का लोकसभा का चुनाव हार गए थे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं दिया। जिसके बाद अखिलेश और नीरज शेखर के रिश्तों में खटास आ गयी थी।
असल में नीरज शेखर बलिया से टिकट चाहते थे। लेकिन सपा का बसपा के साथ गबंधन होने के बाद ये सीट बसपा के खाते में गयी। हालांकि इस सीट के लिए अखिलेश यादव ने मायावती से बातचीत की। लेकिन मायावती ने इस सीट को देने से मना कर दिया।
नीरज शेखर हालांकि राजनैतिक तौर से सक्रिय नहीं हैं। लेकिन उनके पिता की विरासत को देखते हुए भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल कराने का फैसला किया है। चंद्रशेखर का दबदबा बलिया के आसपास और बिहार की कई सीटों तक था। फिलहाल लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों और पार्टी के नेताओं के निशाने पर आए अखिलेश यादव के लिए ये बड़ा झटका है।
लोकसभा चुनाव में सपा महज पांच सीटों पर ही चुनाव जीत पायी है। फिलहाल राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को नीरज शेखर का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 तक था। चंद्रशेखर के निधन के बाद नीरज शेखर ने पहली बार बलिया से ही उपचुनाव में संसद पहुंचे।
Last Updated Jul 16, 2019, 11:15 AM IST