नई दिल्ली। नेपाल सरकार की नई नीति से वहां की सरकार के राजस्व में इजाफा हो रहा है। लेकिन इसके भारतीय नौजवान बर्बाद हो रहे हैं। असल में नेपाल सरकार ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए भारत-नेपाल सीमा पर कैसिनो को शुरू किया है। जिसके कारण भारत नौजवान वहां जाकर आर्थिक तौर पर बर्बाद हो रहे हैं।

नियमों के मुताबिक इन कैसिनो में नेपाली जुआ नहीं खेल सकते हैं। बल्कि ये कैसिनो सिर्फ भारतीयों के लिए खोले जा रहे हैं। नेपाल सीमा के भीतर महज तीन किलोमीटर के दायरे में कैसिनो खोले जा रहे हैं। जबकि पहले इन कैसिनो के पांच किलोमीटर की सीमा तय थी। भारतीय युवा वहां आसानी से चले जाते हैं। क्योंकि नेपाल जाने के लिए किसी भी तरह का वीजा या अनुमति की जरूरत नहीं है।

अब भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल सरकार कैसिनो की संख्या बढ़ा रही है। भारतीय पर्यटक वहां जब जाते हैं, तो उनमें से कई कैसिनो भी जाते हैं। इन कैसिनो में सौ से  लाखों तक का जुआ खेला जाता है। नेपाल के कैसिनो में नेपाली नागरिकों को जुआ खेलने की छूट नहीं है। हाल ही में नेपाल सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में कैसिनो खोलने के लिए नियमावली में चौथा संशोधन किया है।

इसके तहत अब कैसिनो भारत-नेपाल सीमा से मात्र तीन किलोमीटर के दायरे में खोले जा सकते हैं। नेपाल के संस्कृति, नागरिक, पर्यटन मंत्रालय के अनुसार इस बदलाव से नेपाल को बेहतर आमदनी होगी। युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिलेगा। फिलहाल सीमावर्ती भैरहवा, नेपालगंज, झापा, धनगढ़ी, विराटनगर में मिनी कैसिनो चल रहे हैं।

जबकि भैरहवा और नेपालगंज में फाइव स्टार होटल में विश्वस्तरीय कैसिनो चल रहे हैं। जहां पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से पर्यटक जुआ खेलने आते हैं। दिल्ली नोएडा, लखनऊ, गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया से लेकर वाराणसी तक के जुआ खेलने वाले के लिए ये कैसिनो किसी एटीएम मशीन से कम नहीं है।

बिहार से सटी नेपाली सीमा में तेजी कैसिनो कारोबार बढ़ रहा है। वहीं नेपाल में शराब बंदी के बाद शराब और होटल कारोबार में तेजी आई है। भारतीयों को नेपाल के कैसिनो में नेपाली शराब पीने को फ्री में मिलती है और कैसिनो की आड़ में देह व्यापार जमकर चलता है।